राज्यवर्धन सिंह राठौर की जीवनी।
जन्म:- 29 जनवरी 1970
पिता:- कर्नल लक्ष्मण सिंह
माता:- मंजु राठौर
पत्नी:- डॉ. गायत्री राठौर
बेटा:- मानव आदित्य
बेटी:- भाग्यश्री
राज्यवर्धन सिंह राठौर ( घर का नाम चिली ) का जन्म 29 जनवरी 1970 को जैसलमेर राजस्थान में हुआ था। उनके पिता का नाम कर्नल लक्ष्मण सिंह तथा उनकी माता का नाम मंजु राठौर हैं। उनकी पत्नी का नाम डॉ. गायत्री राठौर है। उनका एक बेटा मानव आदित्य और बेटी भाग्यश्री है । वह बीकानेर में स्थित बीकानेर राव बिकिजी के परिवार के पहले राजा के राजपूत वंश के हैं। राज्यवर्धन राठौड़ ने भारतीय सैन्य अकादमी और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। एनडीए से स्नातक होने के बाद, राठौर ने भारतीय सैन्य अकादमी में भाग लिया जहां उन्हें सर्वश्रेष्ठ ऑल-फेन्ड जेन्टलमेन कैडेट के लिए तलवार के सम्मान से सम्मानित किया गया। वह सिख रेजिमेंट स्वर्ण पदक के प्राप्तकर्ता भी थे, जिन्हें पाठ्यक्रम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को सम्मानित किया गया था। 1996 में राज्यवर्धन की शूटिंग की ट्रेनिंग आर्मी मार्क्समैन इन्फैंटरी स्कूल में हुई। 1998 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने शुटिंग की शुरुआत की थी। जल्दी वह दुनिया के बेहतरीन ट्रैप शूटरों में गिने जाने लगे। साल 2003 में साइप्रस के शहर निकोसिया में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप का कांस्य जीता था।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने वर्ष 2004 के एथेंस ओलम्पिक में भारत के लिये रजत पदक जीता। इसके साथ ही वे ओलंपिक पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय निशानेबाज़ बन गए। संयुक्त अरब अमीरात के अहमद अल मख्तूम ने क्वालीफांइग दौर में 144 का स्कोर किया था और फ़ाइनल में 45 का स्कोर कर कुल स्कोर 189 पर पहुंचा कर स्वर्ण पदक हासिल किया। सेना और शूटिंग से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, वे 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए संसद के सदस्य बने। नवंबर 2014 में, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री बने। वे केंद्र सरकार में खेल एवं युवामामलों के राज्यमंत्री और सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री रहे। राठौर को 2017 में युवा मामलों और खेल मंत्रालय के लिए स्वतंत्र प्रभार के साथ कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अपनी राजनीतिक यात्रा में भाजपा के एक प्रमुख नेता के रूप में पहचान बनाई। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2014 से 2019 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय में अहम भूमिकाएँ निभाईं। उनके कार्यकाल के दौरान खेल सुविधाओं में सुधार हुआ और ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहल को बढ़ावा मिला, जिससे युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिला।
राजनीतिक करियर और प्रमुख उपलब्धियाँ
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2014: जयपुर ग्रामीण से लोकसभा चुनाव जीते और केंद्र सरकार में शामिल हुए।
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2017: उन्हें खेल और युवा मामलों के मंत्री का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।
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2018: सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने और डिजिटल मीडिया पर फोकस बढ़ाया।
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2019: लोकसभा चुनाव में दोबारा जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव जीता।
उन्होंने भारतीय सेना की अनुशासनप्रियता और खेल जगत की प्रतिस्पर्धात्मकता को अपने राजनीतिक जीवन में भी अपनाया। खेलों के प्रति उनके समर्पण और योगदान के कारण उन्हें देशभर में एक प्रेरणादायक नेता के रूप में देखा जाता है।
पुरस्कार और सम्मान
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2004: राजीव गांधी खेल रत्न
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2005: पद्म श्री
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2004-2006: अर्जुन पुरस्कार
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सेना सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा मेडल
राज्यवर्धन सिंह राठौर आज भी खेल और युवा नीति निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनका लक्ष्य भारत को वैश्विक खेल मंच पर एक मजबूत शक्ति बनाना है।
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