Q. अमेरिका की औपनिवेशिक पृष्टभूमि का उदय।
ANS;- अमेरिका स्वतंत्रय संग्राम को विश्व इतिहास अति विशिष्ट स्थान प्राप्त है। उपनिवेशवाद एवं साम्रज्यवाद के विरुद्ध यह प्रथम सशस्त्र संग्राम था। इसकी सफलता ने सम्पूर्ण विश्व के देशभक्तो एवं राष्ट्रवादी को प्रेरित किया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप विश्व के देशभक्तों एवं राष्ट्रवादियो को प्रेरित किया। इस युद्द के परिणामस्वरूप विश्व में प्रथम जनतंत्रात्मक एवं धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थपना हुई।
1492
ईस्वी में जेनेवा निवासी कोलम्बस ने अमेरिका को खोजा था। कोलम्बस को इस महँ कार्य की प्रेरणा स्पेन के सम्राट फर्डिनेण्ड और साम्राज्ञी आइसबेला से प्रप्त हुई थी। वस्तुतः 15वी एवं 16वी शताब्दियों में भौगोलिक खोजों के क्षेत्र में पुर्तगाल एवं स्पेन ने यूरोप के राज्यों का नेतृत्व 16वी तथा 17वी शताब्दियों में व्यपार की वृद्धि तथा उपनिवेशों की स्थपना से सर्वाधिक लाभ भी इसी दोनों देशों हुआ। अमेरिका, जिसे ‘नई दुनिया ‘ कहा गया, में भी उपनिवेशों की स्थपना में स्पेन सबसे प्रथम आकर्षित हुआ तथा उसे प्रारंभ में काफी सफलता प्रप्त हुई। व्यपारिक प्रसार एवं उपनिवेशों की स्थपना की होड़ में स्पेन पुर्तगाल के मध्य संभावित संघर्ष को रोकने के उदेश्य से पोप ने 1493 ईस्वी में दोनो के क्षेत्र निर्धारित क्र किये। अफ्रिका एवं एशिया में प्रसार एवं उपनिवेश की स्थापना का अधिकार पुर्तगाल को प्रप्त हुआ तथा अमेरिका में व्यपार एवं उपनिवेश की अधिकार स्पेन को दिया गया।
प्रसार एवं विस्तार की निति का अवलम्बन करते हुए स्पेन ने बहुत शीघ्र अमेरिका के की क्षेत्रों पर अधिकार क्र लिया तथा 1541 ईस्वी तक कैबियन सागर के अनेक द्वीपों पर, उत्तरी अमेरिका के मेक्सिको आदि क्षेत्रों तथा दक्षिणी अमेरिका के अनेक देशों पर अधिकार क्र अपने उपनिवेश बसाये। शीघ्र ही अर्जेण्टाइना , चिली, परागुए, एकवेडर, कोलंबिया एवं आधुनिक अमेरिका (U.S.A) फ्लोरिडा, केलिफोर्निया आदि प्रदेश स्पेन के उपनिवेश के रूप में परवर्तीत हो गये।
अमेरिका में स्पेन की व्यपारिक एवं औपनिवेशिक सफलता तथा समृदि की कहानी ने सरे यूरोप को चुका दिया तथा नीदरलैंड , फ्रांस एवं इंग्लॅण्ड आदि देश भी अमेरिका की और आकर्षित हुए। कनाडा के एक बड़े हिस्से पर फ्रांस का अधिकार हो गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी , मध्यवर्ती तहा दक्षिण प्रदेश के ;लुसियाना पर भी फ्रांस ने अधिपत्य जमा क्र उपनिवेश बसाये। दक्षिणी प्रदेश के लुसियाना पर भी फ्रांस ने अपने अधिकार जमा लिया।
औपनिवेशिक प्रसार पुर्तगाल ने भी यथाशक्ति भाग लिया तथा ब्राजील पुर्तगाली औपनिवेश में परिवर्तित करने सफलता प्राप्त की।
औपनिवेशिक की इस दौड़ में इंग्लॅण्ड सबसे अंत में सम्मिलित हुआ। इसके की कारण थे। 16 वी शताब्दी के प्रारंभ में इंग्लॅण्ड एक साधरण देश था तथा इसके पास पर्याप्त आर्थिक साधनो एवं सैनिक शक्ति तथा राजनितिक आभाव था। इंग्लैण्ड सैनिको, जहाजों एवं सामुन्द्रिक अभियानों में धन खर्च करने की स्तिथि में नहीं था। किन्तु महारानी एलिजाबेथ के शसन – काल में इंग्लैण्ड की स्तिथि में सुधार हुआ तथा तत्कालीन नेताओ ने अमेरिका में इंग्लैण्ड में भूमिहीन किसानो एवं निर्धनों की बढ़ती हुई संख्या ने भी उन्हें अमेरिका में अपना भाग्य आजमाने के लिए प्रेरित किया। तेजी से बढ़ती हुई जनसँख्या का इंग्लैंड अपने सिमित साधन द्वारा भरण – पोषण करने में अश्म सिद्द हो रहा था। धार्मिक असहिषुणता के कारण भी इंग्लैण्ड के निवासी धार्मिक अत्याचारों से त्राण पाने के लिए अमेरिका भाग गए। बहुत से प्यूरिटन धर्मावलम्बी इंग्लैण्ड से भाग क्र अमेरिका जा बेस। यूरोप में होने वाले लगातार युद्दों एवं खुनी परिवर्तनों जैसे तिस वर्षियों युद्द, फ्रांस में धर्मयुद्द, इंग्लैण्ड में धर्मयुद्द तथा रक्तहीन क्रांति ने भी मानव – जीवन पर कठोर आघात किये। इससे व्यथित होकर मानव समूहों ने अपनी मातृभूमि का परित्याग कर अमेरिका जैसे सुदूर देश में बसना पसन्द किया।
अमेरिका से सोना – चांदी प्राप्त क्र स्पेन के समृद्ध होने की कहानी से आकर्षित होकर इंग्लैण्ड के कुछ लोगों से स्पेन के जहाजों को लूटना प्रांरभ क्र दिया। हाकिंस एवं ड्रेक जैसे लूटेरों को महारानी एलिजाबेथ का संरक्षण एवं प्रोत्साहन प्राप्त था। एलिजाबेथ एक योग एवं योग्य एवं निर्भीक शासिका थी वह स्पेन के बढ़ते हुए गौरव एवं साम्राज्यों – विस्तार को नहीं सह सकती थी। धीरे – धीरे उसने अपनी नौ – शक्ति को बढ़ाया और अपने प्रतिद्वंदी से मोर्चा लिया। सन 1588 ईस्वी इ शपे के एक विशल जहाजी बेड़े स्पेनिश अरमाडा को तहस – नहस करके स्पेन के अहंकार को चूर– चूर क्र दिया। अब समस्त संसार के सामुद्रिक मार्ग इंग्लैण्ड के जहाजों के लिए खुल गए तथा वे निडर होकर उनपर विचरण करने लगे।
किन्तु इंग्लैण्ड के रानेताओं ने महसूस कुया कि केवल लूट – पाट से इंग्लैंड आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हो सकता। इसके लिए आवश्यकता इस बात की है कि अमेरिका में उपनिवेशों की स्थापना का प्रयास किया जाय ताकि वहाँ से कच्चे माल जैसे, चीनी, तंबाकू, चमड़े, मसाले आदि पर्याप्त मात्रा में प्रप्त किये जा सकें।
ब्रिटिश उपनिवेशों की स्थपना :
उपर्युक्त कारणों एवं निति से प्रेरित होकर इंग्लैण्ड ने भी अमेरिका में ब्रिटिश उपनिवेश स्थपित करने के सम्बन्ध में गंभीरता से सोचना शुरू किया। अमेरिका में ब्रिटिश उपनिवेश बसाने के कार्य का शुभारंभ राज्य की और से नहीं वरन कतिपय उत्साही एवं साहसी व्यक्तियों के द्वारा हुआ। उत्तरी अमेरिका में ब्रिटेन का पहला उपनिवेश 1607 ईस्वी में वर्जीनिया में स्थापित हुआ। 1664 ईस्वी में इंग्लैण्ड ने नीदरलैण्ड से चीन क्र न्यूयार्क नामक नगर बसाया। इसी प्रकार डचों से स्थान छिन क्र न्यूजर्सी नामक उपनिवेश बसाया गया। पेन्सलवेनिया नामक उपनिवेश को अंग्रेजो ने 1681 ईस्वी में बसाया। इस प्रकार 1775
ईस्वी , अर्थात अमेरिकी स्वंत्रता संग्राम के पूर्व तक अमेरिका में ब्रिटेन के तरह उपनिवेश बसाये जा चुके थे। —-
1. वर्जिनिया
2. मस्सचुसेट्ट्स
3. न्यूयोर्क
4. न्यूजर्सी
5. पेंसिलवेनिया
6. मेरीलैण्ड
7. डेलावेयर
8. नार्थ केरोलाइना
9. साउथ केरोलाइना
10. जार्जिया
11. रॉड आइलैंड
12. न्यू हैम्पशयर
13. कनेक्टिकट
इन उपनिवेशों में निवास करने वालो में 90 % अंग्रेज थे तथा शेष 10 % में डच जर्मन, फ्रांसीसी एवं पुर्तगाली थी। इन ब्रिटिश उपनिवेशों में 10 वी सदी के सातवें दशक तक कृषि , वैदिकी एवं वाणिज्य तथा मत्स्य – उधोग एवं जहाज – निर्माण के क्षेत्र में काफी प्रगति हो चुकी थी।
चूँकि अमेरिका उपनिवेश में यूरोप के विभिन्न प्रदेशो एवं विभिन्न सम्प्रदायों तथा धर्मो के लोग आये थे , इनका शासन एवं कानून भिन्न – भिन्न था तथा इनकी आजीविका भी भिन्न – भिन्न तह अन्तः अमेरिका में एक मिश्रित सस्कृति का जन्म हुआ। यह संस्कृति यूरोप से मिलती – जुलती होने पर भी अपनी एक अलग पहचान रखती थी।
This is part–1