Q- अमेरिकी स्वतंत्रीय –संग्राम के क्या कारण थे।
ANS:- 1776 ईस्वी अमेरिकी स्वतंत्रीय –संग्राम विस्वा
महत्वपूर्ण घटना है। किसी
पराधीन देश अथवा औपनिवेश का विदेशी शोषण एवं सत्ता से मुक्ति पाने हेतु वह प्रथम सफल पर्यत्न था : जिसने आने पराधीन देशो को मुक्ति
हेतु संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। अमेरिकी
स्वतंत्रीय –संग्राम ने विश्व इतिहास को अत्यंत व्यापक
रूप रूप से प्रभावित किया। इस संग्राम परिणति
संयुक्त राज्य अमेरिकी व्यापक प्रभावित। संग्राम
की परिणति संयुक्त राज्य अमेरिका नमक सेष स्थापना
में हुई।
1492 ईस्वी में क्रिस्टोफर कोलम्बस ने, जो जेनेवा का निवासी था, अमेरिका का पता लगाया। इसके
बाद से यूरोपियन अमेरिका में बसने आगे। वहाँ
के निवासी
रेड इंडियन से ये यूरोपियन घृणा। संकट एवं जेम्स प्रथम नीतियों के कारन इंग्लैण्ड से बहुत से प्यूरिटन अमेरिका में गए। चार्ल्स
प्रथम की धर्मांध निति एवं लार्ड लोगो की संक्रिण प्रवृतियों ने बहोत से अंग्रेजों को इंग्लैण्ड छोड़कर अमेरिका में बसने के लिए वाध्य । दक्षिण अमेरिका पर स्पेन का अधिकार था और उत्तरी अमेरिका पर फ्रांस इंग्लैण्ड का।
इन दोनों में आपस में परितिद्वन्दिता थी। इस दोनों देशो के बिच सप्तवर्षीय युद्ध चला। इस युद्ध में फ्रांस पराजित हुआ।
कनाडा
फ्रांस के हाथ से निकल गया। इससे इंग्लैण्ड की शक्ति में वृद्धि हुई। अब अमेरिका में शोषण क दौर शुरू
हुआ फलस्वरूप अमेरिका के स्वतंत्रीय –संग्राम का श्रीगणेश होआ।
मौलिक कारण
1. उपनिवेश
की राजनितिक स्तिथि :
अमेरिकी उपनिवेश जो संख्या तेरह
थे ,इंग्लैण्ड के मातहत थे। वहाँ
का शासन एक गवर्नर करता थी जो इंग्लैण्ड के राजा प्रतिनिधि था। इन उपनिवेशों की अपनी – अपनी निर्वाचन विधान – सभाएँ थी आंतिरक
मामलो में बहोत हद तक स्वायत्तता
प्राप्त थी तथा यह इंग्लैण्ड हाउस
ऑफ़ कॉमन्स
(House of Commons) के आदर्शो के अनुरूप कार्य करती थी। गवर्नर
तथा विधान – सभा के बिच वही सम्बन्ध था जो इंग्लैण्ड के राजा और हाउस ऑफ़ कॉमन्स के मध्य। था इंग्लैण्ड के राजनितिक आदर्शो से प्रभावित होने के कारण उपनिवेशों की विधान– सभाएँ दवा कि
गवर्नर विधान– सभा की अनुमति के बिना कोई नया कर
उन पर नहीं लगा सकर्ता था। यह लोकतंत्रिक
भावना अमेरिकी उपनिवेशों क्रांति
या स्वतंत्रीय –संग्राम को बढ़ावा दे रही थी।
2. संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता :
इन उपनिवेशों के निवासी इस बात पर विश्वास करते थे कि वे ब्रिटिश शासन के अधीन है , एवं ब्रिटिश प्रजा को ब्रिटिश संविधान द्वारा जो सुविधाएं दी गई है वे सुविधाएँ अमेरिकी
में भी दी जाएगी। वे ब्रिटिश
संसद में अपना परिनिधित्व चाहते थे।
अमेरिकी उपनिवेशों में भी यह विचार भी जोर पकड़ने लगा की ब्रिटिश सरकार का यह कर्तव्य है की उनके जान– माल की वह रक्षा करे। उडी ब्रिटेन अपने कर्तव्य से च्युत होगा तो अमेरिकी जनता को क्रांति करने रक्षा करे। अधिकार है।
3. उग्र
राजनितिक विचारो का उदय :
इन उपनिवेशों में कुछ विचारको एवं प्रचारको के प्रयत्नों के फलस्वरूप उग्र राजनितिक विचारो का उदय होआ जिसके फलस्वरूप इंग्लैण्ड एवं उपनिवेशों के सम्बन्ध में परिवर्तन की मॉंग उठने लगी।
इन उपनिवेशों की भौगोलिक स्तिथि , सामाजिक एवं धार्मिक अवस्था ने भी उग्र राजनितिक विचारो के प्रसार में सहायता प्रदान की। यहाँ क वातावरण उग्रवादी राजनीतक विचारों के प्रचार एवं प्रसार के लिए सवर्था उपयुक्त था। 1774 ईस्वी
में थामस पेन ( Thomas Paine) नमक एक प्रचारक ने अपने पर्चे ‘ कोनसेंस द्वारा उपनिवेशो की मांग का समर्थन किया तथा इंग्लैण्ड से सम्बन्ध विच्छेद करने की मांग की इससे उग्रवादी विचारधारा के प्रचार में सहायता मिली।
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