झारखण्ड
भारत के 28वें राज्य के रूप में जाना जाता है।
जिसके
क्षेत्र में अधिक जंगल/झाड़ होने के कारण इसका नाम झारखण्ड पड़ा।
हाल
ही में बने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यकाल ( 11वें मुख्यमंत्री, 29 दिसंबर, 2019 से अब तक ) में झारखण्ड सरकार का नया राजचिन्ह प्रकाशित हुआ है।
झारखण्ड
का नया राजचिन्ह का विवरण
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v 14 अगस्त, 2020 रांची आर्यभट्ट सभागार में झारखण्ड राज्य के नये राजचिन्ह का अनावरण किया गया
तथा यह प्रतीक चिन्ह 15
अगस्त, 2020 से प्रभावित हो गया।
v प्रतीक चिन्ह विन्यास चक्रकार/वृताकार
है, जो राज्य के प्रगति का प्रतीक है।
v प्रतीक चिन्ह में वृताकार खण्ड में हरा
रंग का प्रयोग किया गया है, जो
झारखण्ड की हरी – भरी धरती एवं वन सम्पदा
को दर्शता है।
v सबसे ऊपर के वृत्ताकार खण्ड
के बिच में हिंदी में ‘ झारखण्ड
सरकार ‘ तथा अंग्रेजी में ‘ GOVERNMENT OF JHANKHAND ‘ लिखा है।
v दूसरे वृत्ताकार के खण्ड के बिच 24 हाथी को दर्शाया गया है। ‘ हाथी‘ राज्य के ऐश्वर्य का प्रतीक होने के साथ – साथ राज्य के
प्रचुर प्रकृतिक संसाधनों एवं समृद्धि को दर्शाता है। (हाथी झारखण्ड का राजकीय पशु है।)
v तीसरे वृताकार खण्ड
के बिच 24 पलाश के फूल को दर्शया गया है। ‘ पलाश का फूल‘ राज्य के अप्रतिम प्रकृतिक सौंदर्य का
परिचय देता है। (पलाश का फूल झारखण्ड का राजकीय फूल है।)
v चौथे वृताकार खण्ड के बिच सौर चित्रकारी के 48 नर्तकों को दिखाया गया है। ‘ सौर
चित्रकारी‘ जनजातियों समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
(सौर एक प्रकार की चित्रकारी है जो
मुख्यतः झारखण्ड में जनजातियों द्वारा बनाया जाता है।)
v अंतिम चक्र में 60 सफेद वृत्त का प्रयोग किया गया है। जो चक्र को
प्रभावित बनती है।
v राजचिन्ह के केंद्रीय भाग में
राष्ट्रीय चिन्ह ‘ अशोक स्तम्भ ‘ को दिखाया गया है।
‘ अशोक
स्तम्भ ‘ भारत के उत्तम सहकारी संघवाद, इसमें झारखण्ड की सहभागिता एवं अद्वितीय भूमिका
को रेखांकित करता है।
1971 का बांग्लादेश स्वतंत्रा संग्राम (learnindia24hours.com)
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