डोंगरिया कोंध जनजाति
डोंगरिया जनजाति चर्चा में क्यों है?
·
अगर हम डोंगरिया कोंध जनजाति के विषय में बात करे तो इस जनजाति में कोरोना वायरस
के संक्रमण का पहला मामला सामने आया
है।
जिसके कारण कोरोना संक्रमण के कारण
प्रशासन ने विशेष रूप से डोंगरिया कोंध जनजाति के गाँव में डोर- टू-डोर सर्वेक्षण शुरू किया है।
·
डोंगरिया जनजाति COVID -19 की पहली लहर में COVID के सम्पर्क में नहीं आई थी।
वह इससे अछूता थी।
·
पोषण की कमी और एकांत जीवन शैली कारण डोंगरिया कोंध जनजाति की रोग प्रतिरोक
क्षमता कम है जो अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
यह कौन है? और ये कहाँ रहते है?
· डोंगरिया कोंध जनजाति ओडिसा में रायगड़ा
जिले की नियमगिरि पहाड़ियों में निवास करती है।
यहाँ के लोग कुई भाषा बोलते है।
· डोंगरिया कोंध पहाड़ियों में फैले गाँवों
में रहते है। इस जनजाति का मानना है की नियमगिरि पहाड़ियों की ढलानों पर
खेती करना उनका अधिकार है इन्हे नियम राजा ने दिया है तथा ये लोग
नियम राजा को अपना शाही वंशज मानते है।
· इन्हे जंगलों, पेड़ – पौधों और वन्यजीवों का विशेष ज्ञान है। तथा डोंगरिया कोंध जंगलो से जंगली खाद्य पदार्थ जैसे जंगली अन्नानास, कटहल और शहद इकट्ठा करते है।
· इनलोगों को दुर्लभ औषधीयो जड़ी – बुटियों का ज्ञान भी है। जिसका इस्तेमाल ये भिन्न बिमारियो के इलाज के लिए करते है।
· डोंगरिया जनजाति में आभुषण पहनने , गोदना तथा केश सज्जा जैसे श्रृंगार भी की जाती है।
महिला नाक में तीन बालियाँ और अन्य
गोलाकार रिंग गले में पहनती है वहीं पुरुष नाक में दो बालियाँ पहनता है। इसके आलावा महिला कैश सज्जा के लिए किलिप इत्यादि का इस्तेमाल करती है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 ईस्वी
#झारखण्ड की संस्कृति लोक वाध यंत्र #Jharkhand’s musical instruments,#Jharkhand musical tools,#Jharkhand geet. #leanindia24hours.com#learnindia24.com