दिल्ली दरबार और राजधानी परिवर्तन
दिसंबर, 1911 में ब्रिटिश सम्राठ जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के भारत आगमन पर उनके स्वागत हेतु दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम/समाहरो का आयोजन किया गया था। जिसे दिल्ली दरबार के नाम से जाना जाता है परन्तु इससे भी बड़ा कारण और महत्वपूर्ण कारण दिल्ली दरबार में ही सम्राट का यह घोषणा था की बंगाल विभाजन को रद्द घोषित करना और साथ ही बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग या विभाजन करने की बात भी हुई थी।
इसी दौरान 1911 में तीन घोषणाएँ की गई।
i) बंगाल विभाजन को रद्द किया जाएगा
ii) बंगाल से बिहार को अलग कर दिया जाएगा
iii) भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली बनाई जाएगी।
इन तीनों घोषणाओं को 1 जनवरी, 1912 को लागु किया गया। जिसमें *1912 में बंगाल से बिहार अलग हुआ। 1936 में बिहार से उड़ीसा अलग हुआ
ब्रिटिश काल में दिल्ली से पहले भारत की राजधानी कलकत्ता थी ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम के भारत आगमन पर जो की (12 दिसंबर, 1911) को थी उन्होंने बंगाल विभाजन रद्द कर भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की और यह घोषणा वह कार्य उस समय के भारत के वसराय लार्ड हार्डिंग द्वितीय के कार्यकाल में राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थांतरित हुई। वर्ष 1912 में दिल्ली राजधानी बनाई गई।
देसाई – लियाकत समझौता (Desai-Liaquat Pact) by learnindia24hours