Wednesday, November 20, 2024
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भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास (All Act’s 1773- 1947 )

 

 1773 ईस्वी का रेगुलेटिंग एक्ट:- 

 

·       बंगाल के गवर्नर
को अब गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा।
 

·       प्रथम गवर्नर
जेनरल लार्ड हेस्टिंग्स थे।
 

·       इस एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में उच्चन्यायलय की स्थापना
हुई। उच्च न्यायधीश सर एलिजा इम्पे।
 

·       1781 एक्ट ऑफ़ सेटेलमेंट 

·       रेगुलेटिंग एक्ट
की कमियों को दूर करने के लिए आया ।

·       कलकत्ता की सरकार
को बंगाल
बिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का
प्रधिकार प्रदान किया गया।
 

 

 1784 ईस्वी का पिट्स इण्डिया Act:-

 

·       कोर्ट ऑफ़
डायरेक्टर – व्यपारिक मामलो को देखेगी।
 

·       बोर्ड ऑफ़
कंट्रोलर- राजनितिक मामलो के देख रेख के
  लिए। 

 

 1793 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       नियंत्रण बोर्ड के
सदस्यों तक कर्मचारियों के वेतनादि को भारतीय राजस्व में से देने की व्यवस्था।
 

 

 1813 का चार्टर अधिनियम:-

 

·       चीन एवं पूर्वी
देशों के साथ केवल चाय की खेती एकाधिकार की अनुमति
 20 वर्षों के लिए
प्रदान
 की एवं भारत के साथ सभी एकाधिकार समाप्त
कर दिया।
 

·       ईसाइयों को भारत
में इसाई धर्म के प्रचार को अनुमति दी।
 

 

 1833 का चार्टर अधिनियम:-

 

·       बंगाल के गवर्नर
को भारत का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा।
 

·       लॉर्ड मेकाले की
अध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग का गठन किया गया।
 

·       गवर्नर जेनरल को
सम्पूर्ण देश के लिए एक ही बजट तैयार करने का अधिकार दिया।
 

 

 1853 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       नामजदगी का
सिद्धांत समाप्त कर कम्पनी ने महत्वपूर्ण पदों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के आधार
पर भरने की व्यवस्था की गयी।
 

 

 1858 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       भारत का शासन
कम्पनी से लेकर ब्रिटिश ताज के हाथो में चली गई।
 

·       भारत में मंत्री
पद की व्यवस्था की गयी (
सदस्य ब्रिटिश सरकार द्वारा एवं 7  सदस्य कम्पनी के निर्देशक मंडल द्वारा )
थे।
 

·       भारतीय मामलों पर
ब्रिटिश संसद का सीधा नियंत्रण स्थापित किया गया।

·       मुग़ल सम्राट के  समाप्त किया गया। 

·       राज्य सचिव (Secretary of state for India ) की नियुक्त हुई।  जिसका कार्य  संसद के प्रति उत्तरदायी था। 

·       भारत का गवर्नर
जेनरल अब वायसराय कहा जाने लगा।
 

 

 1861 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       गवर्नर जेनरल को
को पहली बार अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गयी।
 

 

 1873 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       ईस्ट इंडिया
कम्पनी को किसी भी समय भांग किया जा सकता है।
 1
Jan 1884 
को ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया गया। 

 

 1876 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       28 April 1876 को एक घोषणा द्वारा महारानी विक्टोरिया
को भारत की सामाज्ञी घोषित किया गया।

 

 1892 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       अप्रत्यक्ष चुनाव
प्रणाली की शुरुआत
  

·       बजट पर बहस करने
तथा कार्यकरिणी से प्रश्न अधिकार।
 

 

 1909 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-  ( मार्ले – मिंटो सुधार )

 

·       पहली बार मुस्लिम
समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबन्ध
  

·       मार्ले – मिंटो
सुधार अधिनियम के नाम से जाना जाता है।
 

·       मार्ले :- इंग्लैंड में भारतीय सचिव  

·       मिंटो :- भारत के वायसराय भारत में। 

·       साम्प्रदायिक
प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गई।

 

v                    1919 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:- ( मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार)

 

·       मोंटेग्यू- इंग्लैंड में भारतीय सचिव  

·       चेम्सफोर्ड  भारत के वायसराय
भारत में।
 

 

·       द्विसदनीय
विधायिका लाया गया:-
 1. राज्य परिषद (उच्च
सदन )
  2. केंद्रीय विधान
सभा ( निचला सदन )
 

·       भारत में पहली बार
महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
 

 

 1935 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       बर्मा भारत से अलग
हुआ।
 

·       केंद्र में द्वैध शासन   भारत में लागु
किया गया।

·       राष्ट्रपति की
अध्यादेश निर्गत करने कि शक्ति।
 

·       संवैधानिक
निरकुंशता का सिद्धांत प्रवृत किया गया।
 

·       भारतीय संविधान का
प्रमुख स्रोत है (
200 अनुच्छेद)

·      भारत में संघीय
न्यायलय की स्थापना। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना।
 

 

  1947 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई,1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम‘ प्रस्तावित

·       किया गयाजो 18 जुलाई, 1947 ईस्वी को स्वीकृत
हो गया।

·       इस अधिनियम में 20 धाराए थी।

·       दो अधिराज्यों की
स्थापना –
 15 अगस्त, 1947 ईस्वी भारत एवं
पाकिस्तान।

·       भारत और पाकिस्तान
दोनों अधिराज्यों में एक – एक
  गवर्नर जनरल रखे गए। जिनकी नियुक्ति मंत्रिमंडल द्वारा  की गयी।

·       संविधान सभा का
विधान मंडल के रूप में कार्य करना
जब तक संविधान

·       सभाएं संविधान का
निर्माण नहीं
  कर लेती तब तक वे  विधान मंडल के रूप में कार्य करती रहेगी। तब तक के लिए 1935  भारतीय शासन
अधिनियम द्वारा ही शासन होगा।

·       देशी रियासतों पर
ब्रिटेन की सर्वोपरिता का अंत कर दिया।

·       देशी रियासतों को
पूर्ण स्वतंत्रता थी की वह किसी भी अधिराज्य
 (भारत एवं पाकिस्तानमें सम्मिलित, वह उन्हें सबंधों का निश्चय
करने की स्वतंत्रता प्रदानकी गयी।

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