Tuesday, December 24, 2024
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भारत के सारे वायसराय और उनके द्वारा किये कार्य (All the Viceroys of India and the work done by them.)

लॉर्ड कैनिंग (1856-1862)

 

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लॉर्ड कैनिंग के शासनकाल की

सबसे
महत्वपूर्ण विशेषता 1857 ईसवी का सैनिक विद्रोह था।

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उनके शासनकाल में 1858 का अधीनियम पारित किया गया इस अधिनियम के द्वारा भारत के गवर्नर जनरल
को भारत का वायसराय बना दिया गया इस तरह से लॉर्ड कैनिंग भारत का अंतिम गवर्नर
जनरल एवं भारत का पहला वायसराय बना।

 

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1858 की अधिनियम के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को पूरी तरह से
समाप्त कर दिया गया और अब भारत में शासन व्यवस्था के लिए ब्रिटिश संसद को उत्तरदाई
बना दिया गया ।

 

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इन्हीं के शासनकाल में 1856 ईस्वी में ईश्वर चंद्र विद्यासागर के
प्रयास से विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित किया गया

 

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1856 ईसवी में ही लॉर्ड कैनिंग ने सामान्य सेना भर्ती अधिनियम भी
पारित किया

 

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वर्ष 1857 में कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे में तीन विश्वविद्यालयों की
स्थापनाकिया गया।

 

 

लॉर्ड जॉन लॉरेंस (1863-1869)

 

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इनके शासनकाल में 1865 ईस्वी में पहली बार अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राफ
सेवा भारत एवं यूरोप के बीच प्रारंभ किया गया।

 

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भूटान युद्ध (1865):- 1706 में, भूटान के राजा ने सिक्किमी सम्राट से इस क्षेत्र को जीत लिया और इसका नाम बदलकर कलिम्पोंग रख दिया।  1864 में एंग्लो- भूटान युद्ध के बाद, सिंचुला (1865 ) की संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें भूटान ने तीस्ता नदी के पूर्व में स्थित क्षेत्र को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिया था। 

 

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कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना (1865)

 

लॉर्ड मेयो (1869 – 1872)

 

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भारत में पहली बार जनगणना लॉर्ड मेयो के काल में ही 1872 ईसवी में
कराया गया था।
 
हालांकि यह जनगणना सीमित क्षेत्रों में करवाया गया था।

 

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लॉर्ड मेयो पहला वायसराय था जिसकी हत्या 1872 ईसवी में ही एक अफगानी
युवक के द्वारा अंडमान दीप पर कर दिया गया था।

 

 

लॉर्ड लिटन (1876-1880)

 

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इनके शासनकाल में 1878 ईस्वी को वर्नाक्यूलर प्रेस अधिनियम को पारित
किया गया

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वर्नाक्यूलर प्रेस अधिनियम मुख्य रूप से सोमप्रकाश नामक पत्रिका को
केंद्रित करके लाया गया था इस पत्रिका के संपादक ईश्वर चंद्र विद्यासागर थे।

 

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वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए अमृत बाजार पत्रिका ज्योति
बांग्ला भाषा में थी वह रातों-रात अंग्रेजी भाषा में परिवर्तित कर दिया गया

 

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1878 ईस्वी में ही इंडियन आर्मी एक्ट को भी पारित किया गया।

 

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लॉर्ड लिटन के काल में ही 1जनवरी 1877 ईस्वी को दिल्ली दरबार का
आयोजन किया गया

 

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लॉर्ड लिटन के शासनकाल में सिविल सेवा में भर्ती के लिए जो परीक्षा
होती थी उसमें उम्र सीमा 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दिया गया

 

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दूसरा अफगान युद्ध (1878-80):- द्वितीय आंग्ल – अफगान युद्ध यह युद्ध वायसराय लॉर्ड लिटन प्रथम (1878 – 80ईस्वी ) के शासन काल में प्रारंभ हुआ। इस दूसरे युद्ध में विजय के लिए अंग्रेजों को भारी कीमत चुकानी पड़ी। 

 

 

 

लॉर्ड रिपन (1880-1884)

 

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लॉर्ड रिपन ने भारतीयों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाएं अतः
भारतीय ने प्यार से सज्जन रीपन की उपाधि दिए हैं

 

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फ्लोरेंस नाइटिंगल ने रिपन को भारत का उद्धारक की संज्ञा दिया है।

 

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लॉर्ड रिपन किस शासनकाल में वर्नाक्यूलर प्रेस अधिनियम को समाप्त कर
दिया गया साथ ही सिविल सेवा में भर्ती के लिए पुण
: आयु 19 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया गया

 

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1881 ईसवी में लॉर्ड रिपन के शासनकाल में पहली बार संपूर्ण भारत में
जनगणना का कार्य करवाया गया और इसी वर्ष से प्रत्येक 10 वर्ष पर जनगणना का कार्य का
शुरुवात हुआ।

 

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लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता है

 

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लॉर्ड रिपन के काल में ही पहली बार 1881 ईस्वी में भारत का पहला
कारखाना अधिनियम को पारित किया गया

 

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1882 ईसवी मैं इन्हीं के काल में इल्बर्ट बिल पारित किया गया इस बिल
के विरोध में अंग्रेजों ने जो विद्रोह किया उसे श्वेत विद्रोह भी कहा गया है।

 

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1882 ईसवी में इन्होंने हंटर की अध्यक्षता में शिक्षा से संबंधित एक
आयोग का गठन करवाया।

 

 

लॉर्ड डफरिन (1884-1888)

 

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लॉर्ड डफरिन के काल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 ईस्वी
में स्कॉटलैंड के निवासी ए ओ ह्यूम की
सहायता से स्थापित किया गया था इन्हें ही शिमला का संत के नाम से जाना जाता है।

 

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम सम्मेलन मुंबई के गोकुलदास
तेजपाल संस्कृत कॉलेज में किया गया था इसके पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र (
W.C) बनर्जी थे

 

·    कांग्रेस के प्रति लॉर्ड डफरिन का प्रारंभ में सामान्य नियम था किंतु
1888 ईस्वी में   जब कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन इलाहाबाद में हुआ जिसकी अध्यक्षता
जॉर्ज यूल के   द्वारा किया गया इसी अधिवेशन में डफरिन ने कांग्रेस को मुट्ठी भर
लोगों का   संगठन की संज्ञा दी।

 

·      
तीसरा बर्मा युद्ध (1885-86):- 14 – 27 नवम्बर 1885 के बिच हुआ संघर्ष था , इसके बाद 1887 तक कम -ज्यादा प्रतिरोध तथा विरोध चलते  थे।  यह 19वी  सदी में बर्मन तथा ब्रिटिश लोगों के बीच लड़े गए तीन युद्धों में से अंतिम था।  इसके बाद 1937 से, ब्रिटिश लोग बर्मा को भारत से अलग करके एक अलग उपनिवेश के रूप में शासन करने लगे। 

 

 

 

लॉर्ड लैंसडाउन (1888-1894)

 

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कारखाना अधिनियम (1891):- वर्ष से कम आयु के बच्चों के कारखानों में कार्य करने पर पूर्ण निषेध। से वर्ष के बच्चों के काम करने की अवधी घंटे निर्धारित। औरतों को रात्रि में बजे लेकर बजे सुबह तक कार्य करने पर निषेध तथा इनके काम करने की अवधी घंटे प्रतिदिन निश्चित की।  सप्ताह में एक दिन अवकाश  व्यवस्था भी की गई थी 

 

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भारतीय परिषद अधिनियम 1892 (indian Councils Act 1892):- इससे पहले आये अधिनियमों से भारतीयों को कुछ हद तक सार्वजनिक सेवा, अर्थव्यवस्था आदि क्षेत्रों में प्रवेश मिलने लगा था।  जिसके फलस्वरूप अन्य भारतीयों में भी राष्ट्रीयता और राजनितिक चेतना का विकाश प्रारंभ होने लगा। 

 

·       डुरंड आयोग की स्थापना (1893):- डुरंड आयोग 1893 ईस्वी में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि दल के साथ अफगानिस्तान के अब्दुर्रहमान आमिर के पास जाकर सर हेनरी मार्टिनमेर डुरंड ने बड़ी चतुराई के साथ आमिर को एक सिमा आयोग की स्थापना के लिए राजी क्र लिया।  सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ही आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।  इस आयोग ने प्रसिद्ध डुरंड रेखा को निर्धारित की, या जो भारत और अफगानिस्तान के बिच स्थई सिमा बानी। 

 

 

 

लॉर्ड एलगिन ll (18941899)

 

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उन्होंने कहा था भारत को तलवार के बल पर जीता था और तलवार के बल पर
ही इसकी रक्षा की जाएगी।

  

 

लॉर्ड कर्ज़न (1899-1905)

 

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लॉर्ड कर्जन की काल में ही 19 जुलाई 1905 इसवी को बंगाल विभाजन की
घोषणा किया गया जिसका पूरे भारतवर्ष में विरोध किया गया और तमाम विरोध के बावजूद
16 अक्टूबर 1905 ईस्वी में बंगाल विभाजन को लागू कर दिया गया।

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हालांकि बाद में 1911 ईसवी में दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया इस
समय बंगाल विभाजन को रद्द करते हुए भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली लाने की
घोषणा कर दिया गया जके लिए

 

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1904 ईस्वी में ही प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम पारित किया गया और
इस अधिनियम के द्वारा भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना किया गया

 

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1899 इसवी में कोलकाता नगर निगम अधिनियम पारित किया गया:- इस अधिनियम के द्वारा स्थानीय स्वशासन के क्षेत्र में लार्ड रिपन द्वारा किये गए समस्त उत्तम कार्यो को लार्ड कर्जन ने कार्यकुशलता की आड़ में समाप्त कर दिया। इस अधिनियम के अनुसार, निगम में चुने हुए सदस्यों की संख्या कम कर दी।            

 

·        भारत में रेलवे का सर्वाधिक विकास लॉर्ड कर्जन के काल में ही हुआ

 

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पुलिस आयोग की नियुक्ति (1902):- कर्जन ने सर एंड्र्यू फेजर की अध्यक्षता में पुलिस आयोग का गठन किया। इस आयोग को प्रत्येक प्रांत में पुलिस प्रशासन के कुशाल कामकाज की जाँच के निर्देशक दिए  थे। 

 

 

लॉर्ड मिंट II (1905 से 1910)

 

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इन के शासनकाल में 1909 ईसवी में जो भारत परिषद अधिनियम पारित किया
गया उसे मार्ले मिंटो सुधार के नाम से जाना जाता है।

 

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इसअधिनियम के द्वारा मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र को
मान्यता दे दिया गया 

 

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लॉर्ड मिंटो के काल में ही 1906 में सलीमुल्लाह एवं आगा खां के
द्वारा मुस्लिम लीग की स्थापना किया गया था

 

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1907 इसवी में कांग्रेस के सूरत अधिवेशन के दौरान कांग्रेस गरम दल
एवं नरम दल में विभाजित हो गया

 

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इन्हीं के शासनकाल में 11 अगस्त 1908 ईस्वी को खुदीराम बोस को फांसी
दे दिया गया जो फांसी पर चढ़ने वाला सबसे कम उम्र का युवा था

 

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स्वदेशी आंदोलन (1905-1911) :- स्वदेशी अर्थ है ‘अपने देश का’ यह 1911 तक चला और गाँधी जी के भारत पर्दापण के पूर्व सभी सफल आंदोलनों में से एक था।  अरविन्द घोष, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और लाला लाजपत राय स्वदेशी आंदोलन के मुख्य उद्धोषक थे।  

 

लॉर्ड हार्डिंग ।। (1910 1916)

 

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इनके कल में दिसंबर 1911 में दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया था जिस में बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया गया और भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली लाने की घोषणा किया गया जिसे 1 जनवरी 1912 ईस्वी को लागू किया गया

 

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इन्हीं के काल में 1914 ईस्वी मैं प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई

 

·      
 इन्हीं के काल में महात्मा गांधी 9 जनवरी
1915 ईस्वी को
अपने  दक्षिणी अफ्रीका यात्रा को समाप्त करते भारत वापस लौट आए

 

·      
9 जनवरी  को भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है

 

·      
लॉर्ड हार्डिंग कि कॉल में 1916  में कॉन्ग्रेस का लखनऊ अधिवेशन हुआ जिसके अध्यक्ष अंबिका चंद्र मजमुदार थे

 

·      
इसी अधिवेशन में बाल गंगाधर तिलक एवं एनी बेसेंट के प्रयासों से कांग्रेस के गरम दल और नरम दल के साथ साथ मुस्लिम लिगको भी एक   ही मंच पर लाया गया

 

·      
हिंदू महासभा की स्थापना (1915):- अखिल भारत हिन्दू महासभा का एक राजनितिक दल है। 

 

 

लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921)

 

·      
इनके शासनकाल में प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति
1928
में हो गया

 

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इन्हीं के काल में महात्मा गांधी ने 1917 ईस्वी
में चंपारण बिहार में
आंदोलन आरंभ किए जो सफल रहा

 

·      
1918 में गुजरात के खेड़ा में महात्मा गांधी ने कृषक आंदोलन का नेतृत्व किया और इसी वर्ष अमदाबाद के सूती वस्त्र उद्योग के आंदोलन का भी नेतृत्व किया

 

·      
1919 ईस्वी में रॉलेट एक्ट पारित किया गया:- जिसे काला कानून कहा गया इस अधिनियम के द्वारा पंजाब के दो प्रमुख नेता से सेफउद्दीन कीचूली एवं डॉ सत्यपाल को गिरफ्तार कर लिया गया और इनके गिरफ्तारी के विरुद्ध में 13 अप्रैल 1919 ईस्वी को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा को आयोजन किया गया इस सभा पर सेनापति जनरल डायर ने निहत्थे जनता पर गोली चलाने का आदेश दे दिया गया जिसमें हजारों की संख्या में लोग मारे गए इस घटना को जलिया वाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना 
गयाइसी के शासनकाल में भारत परिषद अधिनियम 1919 पारित किया गया जिसके द्वारा प्रांतो में  शासन व्यवस्था को लागू किया गया

 

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असहयोग आंदोलन सितंबर 1920:- सितम्बर 1920 से फरवरी 1922  के बीच महात्मा गाँधी तथा भारतीय राष्ट्रिय कॉंग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया। जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई जागृति प्रदान की। यह आंदोलन अत्यंत सफल रहा, क्योकि इसे लाखो भारतीयों को प्रोत्साहन मिला। इसमें ब्रिटिश कंपनी को बहोत नुकसान हुआ। 

 

·      
 खिलाफत आंदोलन
मई 1919  शुरुआत की गई:- खिलाफत आंदोलन (मार्च 1919 -जनवरी 1921 ) मार्च 1919 में बम्बई में एक खिलाफत समिति का गठन किया गया था।  जिसमे मोहम्मद अली  शौकत अली बंधुओं के साथ -साथ उनके मुस्लिम नेताओं ने इस मुद्दे  संयुक्त जन कार्यवाही की संभावना तलाशने के लिए महात्मा गाँधी के साथ चर्चा शुरू कर दी तथा यह आंदोलन जनवरी 1921 को समाप्त हुआ। 

 

 

लॉर्ड रीडिंग (1921-1926)

 

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लॉर्ड  रीडिंग के शासनकाल में तीसरी एवं अंतिम बार 1921 ईस्वी में दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया

 

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इन्हीं के शासनकाल में 5 फरवरी 1922 ईस्वी को चोरा चोरी हत्याकांड हुआ जिसके पश्चात महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया     और इन्हीं के काल में मोपला विद्रोह 1921 ईस्वी में हुआ था

 

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1922
इसवी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन बिहार के गया में हुआ

 

·       जिसकी अध्यक्षता चितरंजन दास के द्वारा किया गया था

 

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इस अधिवेशन में विधानसभा में प्रवेश को लेकर एक बार पुनः कांग्रेस पार्टी में विभाजन हो गया और 1 जनवरी 1923 ईस्वी को कांग्रेस पार्टी के भीतर एक नया दल स्वराज दल की स्थापना हो गई इसकी स्थापना चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू के द्वारा किया गया

 

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काकोरी ट्रेन डकैती
1925:- 9 अगस्त 1925 को क्रान्तिकारियों ने काकोरी में एक ट्रेन में डकैती डाली थी, इसी घटना को काकोरी कांड ‘ के नाम से जाना जाता है।  इस डकैती से क्रांतिकारी सरकारी खजाने को लुटकर उनके पैसे से हथियार खरीदना चाहते थे ताकि  उससे अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध को महबूती प्रदान कर सके। 

 

 

 

लॉर्ड इरविन (1926-1931)

 

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लॉर्ड इरविन के काल में 1927 ईस्वी में साइमन
कमीशन का गठन किया गया जो 1928 ईस्वी में भारत आया

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 इस
कमीशन में एक भी भारतीय नहीं होने के कारण
पूरे भारतवर्ष में इसका विरोध किया गया इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान लाहौर में पुलिस की लाठी से घायल होकर लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई

 

·      
1928 इसवी में मोतीलाल नेहरू ने नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत किया:-  28 अगस्त 1928 ईस्वी में प्रस्तुत की गई थी।  पंडित मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के मसौदे को तैयार करने के लिए एक आठ सदस्यों वाली समिति बनाई गई थी।  उसे ही ‘नेहरू रिपोर्ट ‘ के नाम से पुकारा जाता है। 

 

·      
1929 ईस्वी में लाहौर की जेल में 64 दिन अनशन के पश्चात जतिन दास की मृत्यु हो गई

 

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1930 ईस्वी में महात्मा गांधी ने दांडी आंदोलन शुरू करते हुए सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया

 

·      
इन्हीं के शासनकाल में 1930 ईस्वी में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजित किया गया जिसमें कांग्रेस के कोई भी प्रतिनिधि हिस्सा नहीं लिय

 

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5 मार्च 1921 ईस्वी को दिल्ली में गांधी इरविन समझौता हुआ जिसे दिल्ली समझौता कहा गया

 

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इन्हीं के शासनकाल में 23 मार्च 1931 ईस्वी को
भगत सिंह राजगुरु एवं सुखदेव को फांसी दे
दिया गया

 

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हरकोर्ट बटलर भारतीय राज्य आयोग (1927):- 1927 ईस्वी में सर हरकोर्ट बटलर द्वारा प्रस्तुत की गई थी।  हारकोर्ट बटलर भारतमंत्री द्वारा गठित ‘देशी रियासत समिति’ (इंडियन स्टेट्स कमेटी ) का 1927  ईस्वी में अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।  भारत की देशी रियासतों तथा सर्वोच्च (ब्रिटिश ) सत्ता के सबंधो की जाँच करना इस समिति का मुख्य कार्य था। 

 

 

·      
1929 में कॉन्ग्रेस का लाहौर अधिवेशन हुआ जिसमे पूर्ण स्वराज संकल्प लिया गया

 

 

लॉर्ड विलिंगटन (1931-1936)

 

·      
लॉर्ड विलिंगटन के शासनकाल में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन लंदन में 1931 ईस्वी में हुआ जिसमें कांग्रेस का प्रतिनिधि बनकर महात्मा गांधी लंदन पहुंचे

 

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1932 ईस्वी ईस्वी में तीसरे गोलमेज सम्मेलन हुआ

 

·      
 महात्मा गांधी एवं अंबेडकर के बीच पुणे
में 24 सितंबर 1932 ईस्वी को
एक समझौता हुआ  जिसे पुना समझौता कहा जाता है

 

·      
1932 ईस्वी में गांधीजी ने दोबारा सविनय अवज्ञा
आंदोलन को प्रारंभ किया।

 

·      
आरबीआई अधिनियम 1934 के द्वारा 1 अप्रैल 1935 ईस्वी को आरबीआई की स्थापना किया गया जिस के पहले गवर्न ओसबोर्न स्मिथ  को बनाया गया

 

·      
भारत सरकार अधिनियम -1935:- भारत शासन अधिनियम 1935  के अनुसार अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गयी, जिसमे राज्यों और रियासतों को एक इकाई की तरह माना  गया।  इसने केंद्र और इकाइयों (राज्य एवं रियासतों ) के बिच तीन सूचियों – संघीय सूचि (59  विषय ), राज्य सूचि(54  विषय ) और समवर्ती सूचि (36  विषय ) के आधार पर शक्तियों का बटवारा कर दिया गया। 

 

 

लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1944)

 

·      
नके शासनकाल में 1 सितंबर 1939 ईस्वी को द्वितीय विश्व युद्ध का शुरुआत हुआ । 

 

·      
22 दिसंबर 1939 ईस्वी को मुस्लिम लीग ने मुक्ति दिवस के रुप में मनाया था। 

 

·      
1940 ईस्वी को महात्मा गांधी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभ किया जिसके पहले सत्याग्रही अचार्य विनोबा भावे को बनाया गया

 

·      
23 मार्च 1942 ईस्वी में क्रिप्स मिशन भारत आया इस मिशन को महात्मा गांधी ने पोस्ट
डेटेड चेक
की संज्ञा दिया

 

·      
8 अगस्त 1942 ईस्वी को महात्मा गांधी के द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया

 

·      
फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन
1939:- 

·      
मुस्लिम लीग का लाहौर संकल्प   ( मुसलमानों के लिये एक अलग राज्य की मांग) 1940। 

 

 

लॉर्ड वैवेल (1944-1947)

 

·      
1945 ईस्वी में द्वितीय  विश्व युद्ध की समाप्ति हुआ । 

 

·      
1945 इसलिए मैं शिमला समझौता हुआ। :- 

 

·      
1946 ईस्वी में कैबिनेट मिशन भारत आया जिसके आधार पर संविधान सभा का गठन किया गया । 

 

·      
इन्हीं के काल में क्लीमेंट एटली 
द्वारा भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति की घोषणा (1947)। 

 

 

लॉर्ड माउंटबेटन (1947-1948)

 

·      
लार्ड माउंटबेटन के काल में 4 जुलाई 1947 ईस्वी को भारतीय स्वतंत्रता विधेयक ब्रिटिश संसद में प्रस्तुत किया गया जिसे 17 जुलाई को ब्रिटिश संसद ने पारित
कर दिया
। 


·      
 माउंटबेटन योजना के आधार पर भारत को विभाजित करके एक नए राष्ट्र पाकिस्तान को बना दिया गया और 15
अगस्त 1947 ईस्वी को भारत को आजादी दे दिया गया 
। 

 

·      
रेडक्लिफ आयोग (1947):-    रेडक्लिफ रेखा 17 अगस्त 1947 को भारत विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बिच सिमा बन गई। सर सिरिल रेडक्लिफ की अध्यक्षता में सिमा आयोग द्वारा रेखा का निर्धारण किया गया , जो 48 करोड़ लोगो के बिच 175,000 वर्ग मील (450,000 कि मी )क्षेत्र को न्यायोचित रूप से विभाजित करने के लिए अधिकृत थे। 

 

 

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1948-1950)

 

·      
सी राजगोपालाचारी स्वतंत्र भारत के प्रथम वायसराय बने । 

·      
जून 1948 ईस्वी में माउंटबेटन के स्थान पर चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत का वायसराय बनाया गया जो 1950 ईस्वी तक इस पद पर बने रहें और 26 जनवरी 1950 को यह पद समाप्त कर दिया गया । 

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