जन्म:- 11 जनवरी 1973
पिता:- शरद द्रविड़
माता:- पुष्पा द्रविड़
उपनाम:- द वॉल, द ग्रेट वॉल, जैमी मिस्टर डिपेंडेबल
राहुल द्रविड का जन्म इंदौर, मध्य प्रदेश के मराठा परिवार में हुआ था। इनके पिता एक कंपनी में काम करते थे और इनकी माँ बैंगलोर में स्थापित एक विश्वविद्यालय में वास्तुकला की प्रोफेसर थीं। अपनी
प्रारंभिक शिक्षा के दौरान, राहुल द्रविड़ ने सेंटजोसेफ
बॉयज़ हाईस्कूल में अध्ययन किया। उन्होंने सेंट
जोसेफ कॉलेज ऑफ कॉमर्स बैंगलोर से कॉमर्स से स्नातक किया।
राहुल ने सिर्फ 12 साल की छोटी सी उम्र में ही क्रिकेट में खेलना शुरू किया।
वे कर्नाटक राज्य के लिए विभिन्न स्तरों जैसे कि – अंडर-15,
अंडर-17 और अंडर -19 स्तर पर खेले। जब द्रविड़ पहली बार अपने विद्यालय की
टीम के लिए खेले तो उन्होंने शतक बनाया। राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी के साथ साथ, विकेट
कीपिंग भी करते थे बाद में उन्होंने पूर्व टेस्ट खिलाडियों गुंडप्पा विश्वनाथ,
रोजर बिन्नी, बृजेश पटेल और तारापोर की सलाह पर विकेट कीपिंग बंद कर दी।
फरवरी 1991
में उन्हें पुणे में महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी की शुरुआत किया।
द्रविड़ के कैरियर की शुरुआत एक
निराशाजनक तरीके से हुई जब मार्च 1996 में विश्व कप के
ठीक बाद सिंगापुर में सिंगर कप के लिए श्री लंका की क्रिकेट टीम के खिलाफ एक
दिवसीय मेच खेलने के लिए उन्हें विनोद काम्बली की जगह लिया गया। फिर ऑस्ट्रेलिया
और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बाद द्रविड़ ने 1996-97 में दक्षिण
अफ्रीका के दौरे पर भी इस बेहतरीन पारी खेले।उन्होंने जोहान्सबर्ग
में तीसरे टेस्ट में तीसरे नंबर पर खेलते हुए 148 और 81 के साथ अपना मेडन शतक
बनाया। जिसमे उन्हें मेन ऑफ़ दी मेच का अवार्ड मिला। 1999
के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में, उन्होंने 461 रनों के साथ सर्वाधिक स्कोर
बनाया। वह इस टूर्नामेंट में लगातार दो शतक लगाने वाले
एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं। 2001 में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
तीन टेस्ट मैच की श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में द्रविड़ ने
वीवीएस लक्ष्मण के साथ मिलकर खेल के इतिहास में सबसे बड़ी जीत की वापसी की।2003-2004 के दौरान द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और
पाकिस्तान के खिलाफ तीन दोहरे शतक बनाए। उन्होंने सितंबर 2011 में इंग्लैंड के
खिलाफ अपने आखिरी एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले और 2011-2012 के सीएसओ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट
मैच खेला।
राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट टीम
के लिए लगातार 93 टेस्ट मैचों (पाँच दिवसीय) में खेलने का रिकॉर्ड बनाया। द्रविड़ पहले
ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने नंबर 3 पर खेलते हुए 10,000
रन बनाए। लगातार 120 वनडे मैचोंमें शून्य पर ना
आउट होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम है। 24 नवंबर
2011 को द्रविड़, सचिन तेंदुलकर के बाद टेस्ट मैच क्रिकेट में 13,000 रन बनाने
वाले दूसरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बन गए।
पुरस्कार और
उपलब्धियां।
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1998 में
उन्हें अर्जुन पुरस्कार मिला।
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1999 में
उन्हें 1999 के विश्व कप के
सीएट क्रिकेटर होने का पद मिला।
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वर्ष 2000 में उन्हें विस्डेन
क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2000 के रूप में नामांकित किया गया था।
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2004 में
विजेता (आईसीसी उन्हें सर गारफील्ड
सोबर्स ट्रॉफी प्लेयर ऑफ़ द इयर के लिए सम्मानित) का सम्मान मिला।
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2004 में
उन्हें “आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर” के लिए सम्मानित किया गया।
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उन्होंने 2004 में पद्म
श्री पुरस्कार भी
प्राप्त किया।
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उन्हें 2004 ही में आईसीसी
टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर और उसी वर्ष एमटीवी यूथ आइकन के रूप में नामांकित किया गया था।
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2006 में
उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट
काउंसिल की टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था।
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उन्होंने 2011 में देव आनंद के साथ एनआईडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त किया था।
· जनवरी 2004 में द्रविड़ जिम्बाब्वे में एक वन दे मैच के
दौरान गेंद
के साथ छेड़छाड़ करने के दोषी बताए गए।