भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास (All Act’s 1773-1947 )
1773 ईस्वी का रेगुलेटिंग एक्ट:-
· बंगाल के गवर्नर को अब गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा।
· प्रथम गवर्नर जेनरल लार्ड हेस्टिंग्स थे।
· इस एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में उच्चन्यायलय की स्थापना हुई। उच्च न्यायधीश सर एलिजा इम्पे।
· 1781 एक्ट ऑफ़ सेटेलमेंट ।
· रेगुलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करने के लिए आया ।
· कलकत्ता की सरकार को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का
प्रधिकार प्रदान किया गया।
1784 ईस्वी का पिट्स इण्डिया Act:-
· कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर – व्यपारिक मामलो को देखेगी।
· बोर्ड ऑफ़ कंट्रोलर- राजनितिक मामलो के देख रेख के लिए।
1793 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों तक कर्मचारियों के वेतनादि को भारतीय राजस्व में से देने की व्यवस्था।
1813 का चार्टर अधिनियम:-
· चीन एवं पूर्वी देशों के साथ केवल चाय की खेती एकाधिकार की अनुमति 20 वर्षों के लिए प्रदान की एवं भारत के साथ सभी एकाधिकार समाप्त कर दिया।
· ईसाइयों को भारत में इसाई धर्म के प्रचार को अनुमति दी।
1833 का चार्टर अधिनियम:-
· बंगाल के गवर्नर को भारत का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा।
· लॉर्ड मेकाले कीअध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग का गठन किया गया।
· गवर्नर जेनरल को सम्पूर्ण देश के लिए एक ही बजट तैयार करने का अधिकार दिया।
1853 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· नामजदगी का सिद्धांत समाप्त कर कम्पनी ने महत्वपूर्ण पदों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के आधार पर भरने की व्यवस्था की गयी।
1858 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· भारत का शासन कम्पनी से लेकर ब्रिटिश ताज के हाथो में चली गई।
· भारत में मंत्री पद की व्यवस्था की गयी (8 सदस्य ब्रिटिश सरकार द्वारा एवं 7 सदस्य कम्पनी के निर्देशक मंडल द्वारा ) थे।
· भारतीय मामलों पर ब्रिटिश संसद का सीधा नियंत्रण स्थापित किया गया।
· मुग़ल सम्राट के समाप्त किया गया।
· राज्य सचिव (Secretary of state for India ) की नियुक्त हुई। जिसका कार्य संसद के प्रति उत्तरदायी था।
· भारत का गवर्नर जेनरल अब वायसराय कहा जाने लगा।
1861 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· गवर्नर जेनरल को को पहली बार अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गयी।
1873 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· ईस्ट इंडिया कम्पनी को किसी भी समय भांग किया जा सकता है। 1 Jan 1884 को ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया गया।
1876 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· 28 April 1876 को एक घोषणा द्वारा महारानी विक्टोरिया को भारत की सामाज्ञी घोषित किया गया।
1892 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की शुरुआत ।
· बजट पर बहस करने तथा कार्यकरिणी से प्रश्न अधिकार।
1909 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:- ( मार्ले – मिंटो सुधार )
· पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबन्ध ।
· मार्ले – मिंटो सुधार अधिनियम के नाम से जाना जाता है।
· मार्ले :- इंग्लैंड में भारतीय सचिव ।
· मिंटो :- भारत के वायसराय भारत में।
· साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गई।
v 1919 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:- ( मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार)
· मोंटेग्यू- इंग्लैंड में भारतीय सचिव ।
· चेम्सफोर्ड – भारत के वायसराय भारत में।
· द्विसदनीय विधायिका लाया गया:- 1. राज्य परिषद (उच्चसदन ) 2. केंद्रीय विधानसभा ( निचला सदन )
· भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।
1935 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· बर्मा भारत से अलग हुआ।
· ‘ केंद्र में द्वैध शासन ‘ भारत में लागुकिया गया।
· राष्ट्रपति की अध्यादेश निर्गत करने कि शक्ति।
· संवैधानिक निरकुंशता का सिद्धांत प्रवृत किया गया।
· भारतीय संविधान का मुख स्रोत है (200 अनुच्छेद)
· भारत में संघीय न्यायलय की स्थापना। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना।
1947 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-
· ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई,1947 को ‘भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम‘ प्रस्तावित
· किया गया, जो 18 जुलाई, 1947 ईस्वी को स्वीकृतहो गया।
· इस अधिनियम में 20 धाराए थी।
· दो अधिराज्यों की स्थापना – 15 अगस्त, 1947 ईस्वी भारत एवंपाकिस्तान।
· भारत और पाकिस्तान दोनों अधिराज्यों में एक – एक गवर्नर जनरल रखे गए। जिनकी नियुक्ति मंत्रिमंडल द्वारा की गयी।
· संविधान सभा का विधान मंडल के रूप में कार्य करना, जब तक संविधान
· सभाएं संविधान का निर्माण नहीं कर लेती तब तक वे विधान मंडल के रूप में कार्य करती रहेगी। तब तक के लिए 1935 भारतीय शासन अधिनियम द्वारा ही शासन होगा।
· देशी रियासतों पर ब्रिटेन की सर्वोपरिता का अंत कर दिया।
· देशी रियासतों को पूर्ण स्वतंत्रता थी की वह किसी भी अधिराज्य (भारत एवं पाकिस्तान) में सम्मिलित, वह उन्हें सबंधों का निश्चय
करने की स्वतंत्रता प्रदानकी गयी।