Monday, December 23, 2024
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भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास (All Act’s 1773-1947 )

 

भारतीय संविधान के विकास का संक्षिप्त इतिहास (All Act’s 1773-1947 )

 

 1773 ईस्वी का रेगुलेटिंग एक्ट:- 

 

·       बंगाल के गवर्नर को अब गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा। 

·       प्रथम गवर्नर जेनरल लार्ड हेस्टिंग्स थे। 

·       इस एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में उच्चन्यायलय की स्थापना हुई। उच्च न्यायधीश सर एलिजा इम्पे। 

·       1781 एक्ट ऑफ़ सेटेलमेंट 

·      रेगुलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करने के लिए आया ।

·       कलकत्ता की सरकार को बंगालबिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का
प्रधिकार प्रदान किया गया।
 

 

 1784 ईस्वी का पिट्स इण्डिया Act:-

 

·       कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर – व्यपारिक मामलो को देखेगी। 

·       बोर्ड ऑफ़ कंट्रोलर- राजनितिक मामलो के देख रेख के  लिए। 

 

 1793 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों तक कर्मचारियों के वेतनादि को भारतीय राजस्व में से देने की व्यवस्था। 

 

 1813 का चार्टर अधिनियम:-

 

·       चीन एवं पूर्वी देशों के साथ केवल चाय की खेती एकाधिकार की अनुमति 20 वर्षों के लिए प्रदान की एवं भारत के साथ सभी एकाधिकार समाप्त कर दिया। 

·       ईसाइयों को भारत में इसाई धर्म के प्रचार को अनुमति दी। 

 

 1833 का चार्टर अधिनियम:-

 

·       बंगाल के गवर्नर को भारत का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा। 

·       लॉर्ड मेकाले कीअध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग का गठन किया गया। 

·       गवर्नर जेनरल को सम्पूर्ण देश के लिए एक ही बजट तैयार करने का अधिकार दिया। 

  

 1853 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       नामजदगी का सिद्धांत समाप्त कर कम्पनी ने महत्वपूर्ण पदों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के आधार पर भरने की व्यवस्था की गयी। 

 

 1858 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       भारत का शासन कम्पनी से लेकर ब्रिटिश ताज के हाथो में चली गई। 

·       भारत में मंत्री पद की व्यवस्था की गयी (सदस्य ब्रिटिश सरकार द्वारा एवं 7  सदस्य कम्पनी के निर्देशक मंडल द्वारा ) थे। 

·       भारतीय मामलों पर ब्रिटिश संसद का सीधा नियंत्रण स्थापित किया गया।

·       मुग़ल सम्राट के समाप्त किया गया। 

·       राज्य सचिव (Secretary of state for India ) की नियुक्त हुई।  जिसका कार्य  संसद के प्रति उत्तरदायी था। 

·       भारत का गवर्नर जेनरल अब वायसराय कहा जाने लगा। 

 

 1861 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       गवर्नर जेनरल को को पहली बार अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गयी। 

 

 1873 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       ईस्ट इंडिया कम्पनी को किसी भी समय भांग किया जा सकता है। 1 Jan 1884 को ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया गया। 

 

 1876 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       28 April 1876 को एक घोषणा द्वारा महारानी विक्टोरिया को भारत की सामाज्ञी घोषित किया गया।

 

 1892 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की शुरुआत  

·       बजट पर बहस करने तथा कार्यकरिणी से प्रश्न अधिकार। 

 

 1909 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-  ( मार्ले – मिंटो सुधार )

 

·       पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबन्ध  

·       मार्ले – मिंटो सुधार अधिनियम के नाम से जाना जाता है। 

·       मार्ले :- इंग्लैंड में भारतीय सचिव  

·       मिंटो :- भारत के वायसराय भारत में। 

·       साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गई।

 

v                    1919 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:- ( मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार)

 

·       मोंटेग्यू- इंग्लैंड में भारतीय सचिव  

·       चेम्सफोर्ड  भारत के वायसराय भारत में। 

·       द्विसदनीय विधायिका लाया गया:- 1. राज्य परिषद (उच्चसदन )  2. केंद्रीय विधानसभा ( निचला सदन ) 

·       भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। 

 

 1935 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       बर्मा भारत से अलग हुआ। 

·    केंद्र में द्वैध शासन   भारत में लागुकिया गया।

·       राष्ट्रपति की अध्यादेश निर्गत करने कि शक्ति। 

·       संवैधानिक निरकुंशता का सिद्धांत प्रवृत किया गया। 

·       भारतीय संविधान का मुख स्रोत है (200 अनुच्छेद)

·      भारत में संघीय न्यायलय की स्थापना। भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना। 

 

  1947 ईस्वी का चार्टर अधिनियम:-

 

·       ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई,1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम‘ प्रस्तावित

·       किया गयाजो 18 जुलाई, 1947 ईस्वी को स्वीकृतहो गया।

·       इस अधिनियम में 20 धाराए थी।

·       दो अधिराज्यों की स्थापना – 15 अगस्त, 1947 ईस्वी भारत एवंपाकिस्तान।

·       भारत और पाकिस्तान दोनों अधिराज्यों में एक – एक  गवर्नर जनरल रखे गए। जिनकी नियुक्ति मंत्रिमंडल द्वारा  की गयी।

·       संविधान सभा का विधान मंडल के रूप में कार्य करनाजब तक संविधान

·       सभाएं संविधान का निर्माण नहीं  कर लेती तब तक वे  विधान मंडल के रूप में कार्य करती रहेगी। तब तक के लिए 1935  भारतीय शासन अधिनियम द्वारा ही शासन होगा।

·       देशी रियासतों पर ब्रिटेन की सर्वोपरिता का अंत कर दिया।

·       देशी रियासतों को पूर्ण स्वतंत्रता थी की वह किसी भी अधिराज्य (भारत एवं पाकिस्तानमें सम्मिलित, वह उन्हें सबंधों का निश्चय
करने की स्वतंत्रता प्रदानकी गयी।

 

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