सुशांत सिंह राजपूत (21 जनवरी 1986 – 14 जून 2020) एक भारतीय अभिनेता थे जिन्होंने बॉलीवुड में कई महत्वपूर्ण और चर्चित फिल्में दीं। बिहार के पटना में जन्मे, सुशांत ने अपनी पढ़ाई दिल्ली में की और उसके बाद उन्होंने मुंबई में कदम रखा जहाँ उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टीवी धारावाहिकों से की। उनका पहला बड़ा टीवी शो *पवित्र रिश्ता* था, जो ज़ी टीवी पर प्रसारित होता था, और इसमें उनकी भूमिका ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया।
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के मुख्य सदस्यों के नाम निम्नलिखित हैं:
1. के.के. सिंह – पिता
2. मीतू सिंह – बहन
3. प्रियंका सिंह – बहन
4. नेहा सिंह – बहन
5. श्वेता सिंह कीर्ति – बहन
उनकी मां का नाम उषा सिंह था, जिनका निधन सुशांत के बचपन में हो गया था। सुशांत का अपने परिवार, विशेषकर अपनी बहनों के साथ गहरा लगाव था, और उनकी बहन श्वेता सिंह कीर्ति उनकी मृत्यु के बाद न्याय के लिए आवाज उठाने में सक्रिय रहीं।
टीवी के बाद सुशांत ने बॉलीवुड में कदम रखा और *काई पो छे!* (2013) से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, जो सफल रही और इसके लिए उन्हें काफी सराहना मिली। इसके बाद उन्होंने *शुद्ध देसी रोमांस*, *एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी*, *छिछोरे* और *केदारनाथ* जैसी हिट फिल्मों में काम किया। उनकी सबसे प्रशंसित फिल्मों में *एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी* है, जिसमें उन्होंने क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाया और इस भूमिका के लिए उन्हें कई पुरस्कार और नॉमिनेशन मिले।
सुशांत का अचानक निधन 14 जून 2020 को हुआ, और उनकी मृत्यु को आत्महत्या माना गया। हालांकि, उनकी मृत्यु के बाद कई सवाल उठे और यह मामला कई महीनों तक मीडिया और कानूनी जांच के घेरे में रहा। उनकी आकस्मिक मृत्यु से फैंस और फिल्म इंडस्ट्री में दुख की लहर फैल गई और मानसिक स्वास्थ्य एवं इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा शुरू हुई।
सुशांत सिंह राजपूत को उनके अभिनय, प्रतिभा और खुले विचारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद, उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उनके लिए न्याय की मांग उठाई और उनके जीवन, करियर, तथा बॉलीवुड में उनके संघर्ष पर नए सिरे से चर्चा शुरू हुई। उनकी मौत से जुड़े मुद्दों ने न केवल बॉलीवुड बल्कि पूरे देश में मानसिक स्वास्थ्य, नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद), और फिल्म इंडस्ट्री में बाहरी और अंदरूनी लोगों के बीच अंतर पर बहस को बढ़ावा दिया। सुशांत के कई फैंस और शुभचिंतक यह मानते हैं कि वे एक अत्यंत प्रतिभाशाली और संभावनाओं से भरे अभिनेता थे, जो इंडस्ट्री की राजनीति के कारण अनदेखे रह गए।
उनकी मृत्यु के बाद, सुशांत की बहन और उनके परिवार ने सुशांत की याद में “सुशांत सिंह राजपूत मेमोरियल फाउंडेशन” की स्थापना की, जिसका उद्देश्य युवाओं को विज्ञान, खेल, और कला में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना है। सुशांत को विज्ञान और खगोल विज्ञान में गहरी रुचि थी। उनके पास एक महंगा टेलीस्कोप भी था जिससे वे सितारों को देखते थे। वे अक्सर अंतरिक्ष विज्ञान, खगोल भौतिकी और गणित के बारे में सोशल मीडिया पर अपनी रुचि और ज्ञान साझा करते थे।
इसके अतिरिक्त, उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर “सुशांत दिवस” मनाना शुरू किया और उनकी फिल्मों को बार-बार देखने और उनकी याद में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का सिलसिला जारी रखा। उनकी फिल्म *दिल बेचारा*, जो उनकी मृत्यु के बाद रिलीज़ हुई, को दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। फिल्म को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बहुत अधिक देखा गया और यह अपने रिलीज़ के दिन ही एक बड़ी सफलता साबित हुई।
सुशांत का जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा है, और उनकी अचानक मृत्यु के बाद उनके प्रति एक अलग तरह की श्रद्धा और सहानुभूति की भावना जागृत हुई है। फिल्म इंडस्ट्री में बाहरी लोगों के संघर्ष, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे, और समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए सुशांत की कहानी एक महत्वपूर्ण चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी और उनका करियर न केवल उनके अभिनय और कला के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है बल्कि इसने युवाओं को कई महत्वपूर्ण विषयों पर सोचने और चर्चा करने का मौका भी दिया। उनकी दिलचस्पी सिर्फ अभिनय तक ही सीमित नहीं थी; वे विज्ञान, खगोल विज्ञान, और सोशल मुद्दों के प्रति भी बहुत जागरूक थे। सुशांत अपने जीवन में बहुआयामी थे, उन्होंने एक्टिंग के साथ-साथ विज्ञान और तकनीक में अपनी दिलचस्पी को भी खूब आगे बढ़ाया। उनके पास एक Meade 14” LX600 टेलीस्कोप था, और उन्होंने चांद पर भी एक प्लॉट खरीदा था। वे अक्सर स्पेस एजेंसी NASA के विजिट्स पर जाते थे, और अंतरिक्ष में अंतरिक्षयात्रा का सपना देखा करते थे।
उनके लिए किताबें, सिनेमा और खगोल विज्ञान जुनून की तरह थे। विज्ञान और गणित में रुचि के कारण, वे अपनी पर्सनल लाइब्रेरी में भौतिकी, गणित, और ब्रह्मांड से जुड़ी किताबें पढ़ते रहते थे।
सुशांत के जीवन में जागरूकता के पहलू
उनकी जिंदगी के इस पहलू ने फैंस को प्रेरित किया कि वे भी अपने शौक और जुनून को जीने का साहस करें। मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-साक्षात्कार, और जीवन के विविध पहलुओं में सुशांत का विश्वास आज भी युवाओं को सकारात्मक रूप से सोचने के लिए प्रेरित करता है। उनकी फिल्में और उनके विचार फैंस के बीच चर्चा का विषय बने रहे हैं। सुशांत की कहानी एक उदाहरण है कि बाहरी लोगों के लिए बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना कितना कठिन हो सकता है। उनकी असामयिक मृत्यु ने इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद, गुटबाजी और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर गहरी सोचने के लिए मजबूर किया।
उनकी फिल्म *छिछोरे*, जिसमें उन्होंने डिप्रेशन और आत्म-सम्मान जैसे मुद्दों को दिखाया, सुशांत की मृत्यु के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गई, क्योंकि फिल्म का संदेश यही था कि हारने पर भी आत्महत्या से बचा जा सकता है। इस फिल्म का संदेश उन लोगों के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक था जो जिंदगी में असफलताओं का सामना कर रहे हैं।
फैंस और समाज पर उनका प्रभाव
सुशांत की मृत्यु के बाद, उनके फैंस और आम लोग उनकी जर्नी को याद करते हुए समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने लगे। उनके फैंस ने उनकी याद में #JusticeForSushant और #CBIForSSR जैसे आंदोलन सोशल मीडिया पर चलाए और उनकी ज़िंदगी को लेकर नई जानकारी साझा की। उनकी मृत्यु के बाद, कई लोगों ने उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में सुधार लाने की कोशिश की।
सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी और उनका कार्य अब भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं, और वे एक मिसाल बन चुके हैं कि व्यक्ति का जुनून, कड़ी मेहनत और आत्म-विश्वास हर कठिनाई को पार करने में मददगार हो सकता है। उनके संघर्ष, उपलब्धियों और अधूरे सपनों की कहानी युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
सुशांत सिंह राजपूत की फिल्मों की सूची निम्नलिखित है, जिसमें उनकी रिलीज़ की तारीखें भी शामिल हैं:
- काई पो छे! – 22 फरवरी 2013
- शुद्ध देसी रोमांस – 6 सितंबर 2013
- पीके – 19 दिसंबर 2014
- डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी! – 3 अप्रैल 2015
- एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी – 30 सितंबर 2016
- राब्ता – 9 जून 2017
- वेलकम टू न्यूयॉर्क (कैमियो) – 23 फरवरी 2018
- केदारनाथ – 7 दिसंबर 2018
- सोनचिड़िया – 1 मार्च 2019
- छिछोरे – 6 सितंबर 2019
- ड्राइव (नेटफ्लिक्स रिलीज़) – 1 नवंबर 2019
- दिल बेचारा – 24 जुलाई 2020 (ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी+ हॉटस्टार पर)
दिल बेचारा उनकी आखिरी फिल्म थी, जो उनकी मृत्यु के बाद रिलीज़ हुई।
सुशांत सिंह राजपूत को उनके करियर में बेहतरीन अभिनय के लिए कई पुरस्कार और नॉमिनेशन मिले। यहां उनके द्वारा प्राप्त किए गए प्रमुख पुरस्कार और नॉमिनेशन की सूची है:
- जी सिने अवार्ड्स
– *काई पो छे!* (2013) के लिए बेस्ट मेल डेब्यू का अवार्ड
– *एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी* (2017) के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड
- स्क्रीन अवार्ड्स
– *काई पो छे!* के लिए बेस्ट मेल डेब्यू का अवार्ड (2013)
- इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (IFFM)
– *एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी* (2017) में बेस्ट एक्टर के लिए
- फिल्मफेयर अवार्ड्स
– *काई पो छे!* (2013) के लिए बेस्ट मेल डेब्यू का नॉमिनेशन
– *एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी* (2017) के लिए बेस्ट एक्टर का नॉमिनेशन
- दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल
– 2021 में उन्हें मरणोपरांत “क्रिटिक्स बेस्ट एक्टर” का अवार्ड *दिल बेचारा* के लिए दिया गया।
- राष्ट्रीय पुरस्कार (National Film Award)
– मरणोपरांत 2021 में उनके बेहतरीन योगदान को सराहा गया।
सुशांत को कई और पुरस्कारों के लिए भी नॉमिनेट किया गया था, विशेषकर *एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी* और *छिछोरे* जैसी फिल्मों में उनके दमदार अभिनय के लिए।