Q. शोध क्या है?/ What is Research?
प्रश्न की रूप रेखा
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शोध क्या है?
यह पूरा संसार जो की एक शोध ही है शोध के कारण ही भुत काल, वर्तमान या भविष्य में होने वाले जितने भी नहीं खोज होंगे या हुए है वह सभी एक शोध का ही रूप है क्योकि अगर यह शोध न हुआ होता तो पृथ्वी में प्रति दिन के इस बदलाव का होना संभव नहीं होता इसलिए कहा जाता
है की कोई भी खोज एक लंबे अंतराल
के शोध के बाद ही संभव हो सकी थी यही कारण ही कि किसी
भी सत्य की खोज और उसकी पुष्टी के लिए शोध का होना अनिवार्य होता है। मनुष्य एक ऐसा जिज्ञासु प्रवृति का प्राणी होता है जिसे बहोत से सवालो का जवाब चाहिए होता है। मनुष्य के इसी जिज्ञासु या किसी चीज को जानने की प्रवृति के कारण ही शोध के प्रक्रिया को जन्म किया है। शोध एक बहोत ही महत्वपुर्ण प्रक्रिया होती है समय – समय पर विभिन्न विषयों की खोज और उनके अध्यन्न और निष्कर्षो की विश्वसनीय और प्रमाणिकता भी शोध की मदद से ही संभव हो पति है। इस पृथ्वी की जैसे – जैसे आयु बढ़ती जा रही वैसे
– वैसे समस्या
भी हमारे समक्ष आती जा रही है। हालांकि
एक मनुष्य प्रवृति बहोत
ही विविधता प्रवृति की होती है। जिसके कारण इसे हर एक चीज को अलग तरीके से देखने की आदत होती है।
मनुष्य के सोचने का तरीका, व्यवाहर, रूचि, अविरूचि , स्वभाव योग्यता इत्यादि बहोत अलग होती है। कभी – कभी यह सभी समस्या का कारण भी बन जाते है। इस लिहाज से अनेक जटिलताएं व्यवहारों अनिश्चिता प्रकृति के कारन जब हम उसका व्यवस्तिथ ढंग से अध्ययन कर किसी निष्कर्ष पर आना चाहते है तो वहाँ प्रयोग करना होगा। इस तरह सरल शब्दों में कहे खोज
व्यवस्थित प्रयत्न शोध कहलाता है। तत्यो
का अवलोकन करके कार्य – कारण संबंध ज्ञात करना अनुसन्धान प्रमुख
प्रकिया होती है। जो किसी विषयो के जड़ तक जाती है।
शोध शब्द का अर्थ?
शोध शब्द जिसे अंग्रेजी में हम Research कहते है।
Research जो की दो शव्दों से मिलकर बना है जैसे :- Re का अर्थ है पुनः और Search का अर्थ है खोज. इस तरह यह दोनों शब्दों का अर्थ मिकार होगा – पुनः खोजना अर्थात किसी भी चीज या वस्तु को पुनः खोजना। आप इसके शब्द से इसका मतलब निकाल सकते है। की किसी वस्तु
की बार – बार जाँच करना शोध या Research कहलाता
है।
शोध को हम कितने नामो से पुकार सकते है ?
शोध / अनुसंधान / जाँच /परखना / सत्य को ढूंढना / अन्वेषण / विवेचन/ तहक़ीक़ात। यह सभी शोध के और नाम है।
शोध की परिभाषा
· रेडमेन और मोरी ने अपनी किताब “The
Romance of Research ” में शोध का अर्थ स्पष्ट करते हुए लिखा है की अविन ज्ञान की प्राप्ति के व्यवस्थित प्रयत्न को हम शोध कहते है।
· एडवांस्ड लर्नर डिक्शनरी ऑफ़ इंग्लिश के अनुसार ” किसी
भी ज्ञान की शाखा में नविन तत्यो की खोज के लिए सावधानीपूर्वक किए गे अन्वेषण या जाँच – पड़ताल को शोध की संज्ञा दी जाती है “
· स्पार और स्वेन्सन ने शोध को परिभाषित करते हुए पुस्तक में लिखा है “कोई भी विद्तापूर्ण
शोध ही सत्य के लिए तथ्यों के लिए , निश्चितताओ के लिए अन्वेषण है। “
· वही लुण्डवर्ग ने शोध को परिभाषित करते हुए लिखा हे की “अवलोकित
समाग्री का संभावित वर्गीकरण , साधारणीकरण एवं सत्यापन करते हुए पर्याप्त कर्म विषयक और व्यवस्थित पद्धत्ति है। ”
उपरोक्त परिभषा आधार सकता
है की नवीन ज्ञान
की खोज की डिश में दिए गए वयवस्थित एवं कर्मबद्ध प्रयास शोध है शोध का अंतिम उदेस्य सिद्धांतो का निर्माण करना होता है। मनुष्य
के जीवन में आने वाली समस्याओं के निदान में भी शोध ही आगे अत है।
शोध विज्ञानं और वैज्ञानिक पद्धत्ति आधारित
होता है। इसलिए इस पर आधारित ज्ञान भी वस्तुपरक होता
है।
शोध के लिए किन – किन बातों का होना जरुरी होता है ?
1. जिज्ञासा — ” पूरी जानकारी नहीं होती है – अगर हम शोध करने जाता
है तो हमारे अंदर जिज्ञासा होना आवश्यक होजाता है तभी हम बिना थके या ऊबे शोध को रूचि के साथ पूरा करा पाएंगे।
2. सत्य
का पता लगाने के लिए — कभी – कभी हमे किसी तथ्य से संतुष्टि नहीं होती और इसकी पुष्टिकरण के लिए भी हम शोध करते है।
3. नई
जानकारी को प्राप्त करने के लिए भी शोध किया जाता है।
4. किसी
प्रश्न का उत्तर चाहिए जिससे आप संतुष्ट नहीं है तो उस स्थिति में भी शोध कर के हम अपनी प्रश्नो का उत्तर
प्राप्त कर
सकते है।
5. समस्या
का समाधान ढूँढना।
6. न्यायिक
दृस्टि से अगर किसी वस्तु की जाँच करनी हो तब भी हम शोध के माध्यम
से ही इसकी पुष्टि करेंगे।
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