Monday, December 23, 2024
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ऐतिहासिक तथ्य की प्रमुख विशेषता ( Nature or Kinds of Datas )-learnindia24hours

ऐतिहासिक तथ्य की प्रमुख विशेषता ( Nature or Kinds of Datas )

 

 

ऐतिहासिक तथ्य की सामान्य रूप से निम्न्लिखित  विशेषताये  बताई जा सकती है 

 

1 .  अनेक उदगम  स्रोत – प्र्तेक ऐतिहासिक तथ्य में कतिपय दो  तत्व होते है जिनका उदगम  अनेक स्रोतों से होता है।  ‘ इस विचार का प्रतिपदान वेबर द्वारा किया  गया।  उदाहरणार्थ  – प्रथम विश्व  युद्ध का एक प्रमुख कारण  राजकुमार फर्डिनेण्ड  की हत्या थी। यह एक ऐतिहासिक तथ्य है।  किन्तु इतिहासकारों  द्वारा प्रथम विश्व युद्ध के अनेक अन्य कारन भी प्रस्तुत किये जाते है।  उन कारणों  को भी ऐतिहासिक तथ्यों की ही शेणी  में रखा जाता है।  इस प्रकार प्रथम विश्व युद्ध एक ऐतिहासिक तथ्य है जिसके विभिन्न  उदगम  स्रोत है।  इस प्रकार ऐतिहासिक तथ्य की एक प्रमुख विशेषताअनेक उदगम  स्रोतों का होना है।

 

2 .  घटना से  सम्बंधित सभी बातें  ऐतिहासिक तथ्य डेविड थम्प्सन  के अनुसार सम्पूर्ण समष्टि तथ्य, ऐतिहासिक तथ्य होता है।  जिसका तातपर्य  यह है की किसी भी ऐतिहासिक घटना से सम्बन्धित  सभी बाते ऐतिहासिक तथ्य कहलाती है।  उदाहरणार्थ  – प्रथम विश्व युद्ध एवं द्वितीय विश्व युद्ध ऐतिहासिक घटनाये है तथा इनसे सम्बन्धित  सभी बातें  ऐतिहासिक तथ्य है।

 

 

3 .  समाज की प्रत्येक घटना ऐतिहासिक तथ्य नहीं — समाज की प्रत्येक घटना को ऐतिहासिक तथ्य की संज्ञा नहीं दी जा सकती है।  किसी व्यक्ति – विशेष या इतिहासकार द्वारा उल्लिखित घटना ही ऐतिहासिक तथ्य होती है।  कई बार किसी  अत्यन्त  साधरण धटना का भी उल्लेख महान व्यक्ति  द्वारा  कर दिये  जाने पर वह घटना  भी  ऐतिहासिक तथ्य बन जाती है।

 

4 .  मान्यता प्रदान विचार बैराक्लाफ के अनुसार यदपि इतिहास तथ्यों पर आधारित होता है किन्तु कुछ तथ्य ऐतिहासिक तथ्य न होकर मान्यता प्रदत्त विचार होते है। भारत में समाजिक  व धार्मिक भवना उसी रूप में विद्यमान है की जिस रूप में  वर्षो पूर्व विद्यमान थी।  यद्यपि  विभिन्न समाज सुधराको  एवं विदेशी शसकों  द्वारा इसमें परिवर्तन के प्रयास किये गए किन्तु वे इसमें आंशिक एवं वांछनीय परिवर्तन ही कर सके।  समाज एवं धर्म का मौलिक स्व यथावत कायम रहा।  ऐसे विषयो पर मान्यता – प्रदत्त विचार यद्धपि  ऐतिहासिक तथ्य नहीं होते है लेकिन लोग भृमवश  इन्हे ऐतिहासिक तथ्य स्वीकार कर  लेते है।

 

5 .  ऐतिहासिक तथ्य एक प्रतीक है कार्ल बेकर, सेबोस तथा एलेन बुलाक आदि  विद्वान् के नुसार ऐतिहासिक तथ्य  अतीतकलिक घटना नहीं वरन  एक प्रतीक है जो इतिहासकार को कल्पना द्वारा घटना के पुर्निर्माण  में समर्थ वास्तविक घटना विलुप्त हो चुकी है और उसके धूमिक  चित्र ही मस्तिष्क में है।  घटना के घूमिल चित्रों, लेखो, पत्र – पत्रिकाओं  आदि  के माध्यम से परिकल्पना के आधार पर ही इतिहासकार इतिहास  तथ्य स्वीकार कर लेते है।

 

6 .  ऐतिहासिक  तथ्य एक अनुमान है संबोस व् एलेन बुलाक के अनुसार ऐतिहासिक तथ्य एक अनुमान है क्योकि न तो उनका निरीक्षण किया जा सकता है न ही उन्हें यथार्थ रूप में समझा जा सकता है।  वरन  यह किसी ऐतिहासिक घटना से सम्बन्धित  ऐसा प्रतीक है जो वर्तमान में इतिहासकार के मस्तिष्क में रहता है। अतीत की घटना के परिकल्पना पुर्ननिर्माण अनुमान का ही आश्रय लिया जाता है है।

 

7 .  विस्वसनीयता का अभाव प्रो0
वाल्श के अनुसार तथ्य साधारण स्वयं  व्यवस्थिक सिद्धांत होता है जिसकी विस्वसनीयता के विषय में गंभीरता संदेह न हो।  ‘ वाल्श ने इतिहास को विज्ञान मानकर ही इस कथन का प्रयोग किया है।  तथ्यों से सम्बंधित यह अवधारण विज्ञान  में तो संभव  है किन्तु इतिहास में नहीं।  वैज्ञानिक तथ्यों की विश्वसनीय  का परीक्षण प्रयोगशालाओं  में किया जाता है किन्तु ऐतिहासिक तथ्यों का प्रत्यक्षीकरण एवं परीक्षण सम्भव  नहीं है।  अतः  ऐतिहासिक तथ्यों में विस्वसनीयता का स्पष्ट अभाव दिखाई पड़ता है।

 

8 .  इतिहासकार की स्वीकृति आवश्य्क – समाज में अनेक घटनाये  घटित  होती है किन्तु सभी घटनाये  इतिहास का हिस्सा नहीं होती।  केवल वही घटनाये इतिहास का हिस्सा होती है , जिनका उल्लेख इतिहासकार द्वारा क्र किया जाता है।  यह ध्यान देने योग्य है की इतिहासकार द्वारा ऐतिहासिक तथ्यों का संकलन प्रमाणों  के आधार पर ही किया जाता है।  स्पष्ट है की इतिहासकार  जिन तथ्यों स्वीकार करे उसे ही ऐतिहासिक तथ्य खा जा सकता है।

ऐतिहासिक तथ्य की सामान्य रूप से निम्नलिखित विशेषताएं बताई जा सकती हैं:

  1. वस्तुनिष्ठता (Objectivity):
    • ऐतिहासिक तथ्य वस्तुनिष्ठ होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे बिना किसी पूर्वाग्रह या व्यक्तिगत दृष्टिकोण के होते हैं। इन्हें तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर स्थापित किया जाता है।
  2. प्रमाणिकता (Authenticity):
    • ऐतिहासिक तथ्य प्रमाणिक होते हैं, जो साक्ष्यों, दस्तावेजों, और अन्य स्रोतों के माध्यम से पुष्टि किए जाते हैं। प्रमाणिकता सुनिश्चित करती है कि तथ्य सत्य और विश्वसनीय हैं।
  3. समयबद्धता (Chronological Order):
    • ऐतिहासिक तथ्य एक निश्चित समय में घटित होते हैं और उन्हें सही समयबद्ध क्रम में प्रस्तुत किया जाता है। समयबद्धता ऐतिहासिक घटनाओं को समझने में मदद करती है।
  4. संदर्भता (Contextuality):
    • ऐतिहासिक तथ्य अपने संदर्भ के भीतर समझे जाते हैं। किसी घटना या तथ्य को उसके सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
  5. कारण और प्रभाव (Causality):
    • ऐतिहासिक तथ्य अक्सर कारण और प्रभाव के सिद्धांत पर आधारित होते हैं। किसी घटना के परिणामस्वरूप दूसरी घटना घटित होती है, और यह संबंध ऐतिहासिक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  6. परिवर्तनशीलता (Changeability):
    • ऐतिहासिक तथ्य स्थिर नहीं होते; वे नए साक्ष्यों या खोजों के आधार पर बदल सकते हैं। इतिहास का अध्ययन एक गतिशील प्रक्रिया है जिसमें निरंतर परिवर्तन और संशोधन होते रहते हैं।
  7. सापेक्षता (Relativity):
    • ऐतिहासिक तथ्य सापेक्ष हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वे अपने समय और स्थान के संदर्भ में भिन्न-भिन्न अर्थ ग्रहण कर सकते हैं। विभिन्न दृष्टिकोणों और व्याख्याओं के आधार पर ऐतिहासिक तथ्यों का अर्थ बदल सकता है।
  8. दृढ़ता (Durability):
    • ऐतिहासिक तथ्य लंबे समय तक टिकाऊ होते हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं। इन्हें बार-बार जांचा और सत्यापित किया जाता है, जिससे इनकी स्थायित्वता बनी रहती है।
  9. मूल स्रोतों पर आधारित (Primary Source-Based):
    • ऐतिहासिक तथ्य प्राथमिक स्रोतों (जैसे पत्र, दस्तावेज, अभिलेख, और पुरातात्विक खोजें) पर आधारित होते हैं, जो घटना के समय के निकट होते हैं और प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रदान करते हैं।
  10. अध्ययन और विश्लेषण (Study and Analysis):
    • ऐतिहासिक तथ्य गहन अध्ययन और विश्लेषण के परिणामस्वरूप सामने आते हैं। इतिहासकार विभिन्न स्रोतों का अध्ययन करके और उनकी तुलना करके तथ्यों को स्थापित करते हैं।

इन विशेषताओं के माध्यम से, ऐतिहासिक तथ्य एक मजबूत, विश्वसनीय और व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जो इतिहास की गहरी समझ विकसित करने में मदद करते हैं।

 

 


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महलवाड़ी व्यवस्था क्या है ?/ What is Mahalwari and Ryotwari system?————-

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रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या है ?/What is Rayotwari System? ————————

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