Saturday, July 27, 2024
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नागवंशी शासन व्यवस्था झारखण्ड/Nagwanshi Sasan vevastha in Jharkhand



नागवंशी शासन व्यवस्था ( झारखण्ड ) में उसकी कर व्यवस्था  का वर्णन किया गया  है। 

·    नागवंशी शासन   कब स्थापित/आरंभ हुआ?

नागवंशी शासन व्यवस्था का प्रारंभ प्रथम शताब्दी में हुआ।

 

·       किसके द्वारा स्थापित किया गया?

राजा फणी मुकूट राय इस शासन व्यवस्था के प्रथम शासक द्वारा 

 

·       नागवंशी शासकों व्यवस्था को विस्तृत करने की क्या दृष्टि थी?

यह छोटा नागपुर के आसपास के क्षेत्रों में फैला था। इसके साथ साथ यह जाती वर्तमान में ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों में बेस हुए है। नागवंशी शासकों ने मुण्डा शासन व्यवस्था में अनुकूल परिवर्तन करते
हुये इसे अधिक विस्तारित करने का प्रयास किया । इसके शासनकाल में पूर्व की भू – व्यवस्था
, कर व्यवस्था तथा शासन व्यवस्था का संचालन होता रहा।

 

·       मुगलों के आने से एक नए कर का उदय हुआ?

 

उस समय लंबे समयांतराल के पश्चात्य मुगलों के आक्रमण के कारण नागवंशी शासन व्यवस्था में
परिवर्तन परिलक्षित होता है।
 इस परिवर्तन
के परिणामस्वरुप मुग़ल सेना द्वारा नागवंशी राजाओं
 से नजराना ( एक प्रकार का कर  ) लिया
जाने लगा जो बाद
 में नियमित व्यवस्था के रूप
में स्थापित 
हुआ तथा इसे मालगुजारी के नाम से जाना जाने लगा।

 

·       नागवंशी शासकों व्यवस्था में कर के नियम क्या थे?

 

इस शासन व्यवस्था में आम रैयतों से कर वसूली नहीं की जाती थी। परिणामतः संपूर्ण राज्य के कर का भार नागवंशी
शासन पड़ने लगा। इस भार को कम करने हेतु नागवंशी राजाओं ने
आम जनता से कर (मालगुजारी) वसूलना प्रारंभ किया तथा इसे वसूलने की जिम्मेदारी
पड़हा के प्रमुख मानकी को दिए गया। इन मानकियो को नागवंशी शासन में
भुईहर कहा जाने लगा।

 

Ø बाद नागवंशी राजाओं  द्वारा मालगुजारी वसूलने के लिए अलग जागीरदार रखे गए। इनके द्वारा
मुग़ल बादशाहों द्वारा मांगे जाने पर ही
गुजारी दी जाती थी। इस अनियमित मालगुजारी
को नजराना/पेशकश कहा जाता था।

 

Ø नियमित मालगुजारी नहीं देने के
कारण नागवंशी शासन दुर्जनशाल मुगलों द्वारा कैद कर लिया जाता था।

 

Ø 1765 ईस्वी में ईस्ट इण्डिया कंपनी को बिहार, बंगाल एवं उड़ीसा दीवानी मिलने के बाद नागवंशी
शासक पटना काउंसिल के प्रति उत्तरदायी हो गए।

 

Ø अंग्रेजी शासनकाल में कर की नियमित वसूली लिए 1793 ईस्वी में स्थायी बंदोबस्त प्रणाली लागू की
गयी तथा नागवंशी राजाओं को जमींदारी बना
दिया गया। इस प्रकार पूर्व की जागीरदारी जमींदारी व्यवस्था में परिणत हो गयी।

 

Ø इस व्यवस्था के लागू होने के साथ ही
नागवंशी शासन व्यवस्था समाप्त तथा इसके
स्थान पर नवीन प्रकार की अंग्रेजी व्यवस्था स्थापित हुयी।


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