Monday, November 18, 2024
HomeARTICLEहरिपुरा एवं त्रिपुरी संकट क्या है?( What is Haripura and Tripuri crisis?)

हरिपुरा एवं त्रिपुरी संकट क्या है?( What is Haripura and Tripuri crisis?)

 

 हरिपुरा एवं त्रिपुरी संकट क्या है?

 

 

हरिपुरा अधिवेशन

 

हरिपुरा अधिवेशन 1939 में  गाँधी जी और सुभाष चंद्र बोस  जी के मध्य हमें अनबन देखने को मिलती है, वर्ष  1938 तक  नेहरू और सुभास चंद्र बोस कांग्रेस के दमदार प्रवक्ताओं मे से एक थे।  इसी  समय कांग्रेस विचारधारा को लेकर दो गुटों में अलग हो चुकी थी। एक नरमपंती और दूसरा गरम पंथी का दो विचार आया था।  गांधीजी जो राजनीती में अहम् भूमिका निभा रहे थे वह अब सक्रिय राजनीति से बहार जा चुके थे और वे अब हरिजनों के उत्थान की ओर ज्यादा कार्य कर रहे थे। जिसके कारण उनके द्वारा हरिजन संस्था का विकाश हुआ।  

 

 

पोपुलिस्ट आंदोलन क्या है एवंम पोपुलिस्ट आंदोलन पे निबंध ।# Populist Movement Definition (learnindia24hours.com)

 

 

यहाँ कांग्रेस के दो अलग -अलग विचारधारा जो हिंसा और अहिंसा के बीच, समाजवादी विचारधारा के विकास को लेकर कांग्रेस मंत्रिमण्डलों के विरुद्ध दबे हुए गुस्से के बिच, जो स्वतंत्रता  के प्रति  प्रगति को लेकर धीमे पड़ गए थे, विचारधाराओं के बिच के संघर्ष को , कांग्रेस 19 – 21 फ़रवरी, 1938 में विट्ठल नगर, हरिपुरा में मिली। जिसमे सुभास चंद्र बोस को  पहली बार इस अधिवेशन का अध्यक्ष बनाया गया था।  वह दो बार अध्यक्ष चुने गये। 

 

 

सविनय अवज्ञा आंदोलन, डंडी यात्रा, नमक सत्याग्रह (#Civil Disobedience Movement, Dandi Yatra, Salt Satyagraha) (learnindia24hours.com)

 

सुभास चंद्र बोस का प्रस्ताव

 

उनके अंतर्गत एक प्रस्ताव पारित गया जिसमें  ब्रिटेन को भारत को स्वतंत्र करने हेतु छह माह समय दिया जाना चाहिए अथवा और जिसके विफल होने के बाद इनके विरुद्ध विद्रोह करने को कहा गया,  जिससे महात्मा गाँधी असहमत थे क्योंकि इसके नियम और सरत गाँधी जी को कही से भी उचित नहीं लगा क्योंकि गाँधी जी शुरुआत से ही अहिंसा और सत्याग्रह में विश्वास रखते थे। वही सुभास चंद्र बोस इनके इन विचार को स्वीकार नहीं करते थे और यह सबसे महत्वपूर्ण कारण रहा इनदोनों के मध्य अनबन होने का. जिसके परिणामस्वरूप गाँधी और सुभास चंद्र बोस के  मध्य यह मनमोटाव तब ज्यादा बड़ा हो गया जब सुभास चंद्र बोस ने राष्ट्रिय नियोजन समिति का गठन किया. इसका उदेश्य औधोगिकरण पर आधारित भारत के अर्थित विकास के लिए एक बड़ी योजना का निर्माण करना था।और  यह गांधीजी की चरखा निति के विरुद्ध था। 

 

 

 

1938 हरिपुरा एवं त्रिपुरी संकट :- 1939 का त्रिपुरी कांग्रेस का जो सत्र/समय रहा वह भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रस के इतिहास में संकट की घड़ी थी. कोंग्रस के अनुदारवादी के नेताओ के द्वारा हाल ही में सुभास चंद्र बोस 1939 में चुने गए अधियक्ष थे।  जिनको अब पद से हटाने की बात कही जा रही थी, हांलांकि हमें देखने को मिलता है की गाँधी जी द्वारा ही सुभास चंद्र बोस के कार्यो के कारण 1938 में राष्ट्राअध्यक्ष चुना था। कहा जाता है की सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गाँधी द्वारा सुभाष को राष्ट्राअध्यक्ष का विद्रोह किया था, लेकिन गाँधीजी ने पटेल की आपत्ति को ख़ारिज कर  दिया।

गाँधी – इर्विन समझौता 5 मार्च

 

 

वर्ष 1939 त्रिपुरी, जबलपुर (म. प्र.) अधिवेशन में वे गांधीजी द्वारा समर्थित पट्टाभि सीतारमैया को पराजित क्र कांग्रेस के दूसरी बार अध्यक्ष बने, परन्तु कारकारिणी के गठन के प्रश्न पर गांधीजी से मतभेद के कारण उन्होंने त्यागपत्र दे दिया, जिसके बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद कोंग्रस के अध्यक्ष बने। 

 

खेड़ा सत्याग्रह 1918 प्रथम असहयोग

 

 

वर्ष 1939 में त्रिपुरी संकट के बाद कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने ‘फॉरवर्ड ब्लॉक ‘  स्थापना की।  यह संगठन वामपंथी विचारधारा पर आधारित था।  जब द्वितीय विश्व युद्ध के बादल यूरोप में मंडरा रहे थे, तब सुभास चंद्र बोस ने समय का लाभ उठाना चाहा और ब्रिटेन तथा जर्मनी के युद्ध का लाभ उठाकर एक उठाना चाहा और ब्रिटेन तथा जर्मनी के युद्ध का लाभ उठाकर एक प्रहार करके भारत की सवाधीनता चाही। उनका विश्वास आयरलैंड की। इस पुराणी कहावत पर था, ” इंग्लैंड की आवश्यकता आयरलैंड के लिए अवसर है। ” अंतः उन्होंने  कांग्रेसी नेताओं को इस निति पर लाना  चाहा कि  स्वतंत्रता के लिए इंग्लैंड के दुश्मनो की सहायता ली जाए। 

=================================================================================================================================================================

learnindia24hours

 

OTHER TOPICS LINK: —
 
 
 
 
 
 
 

 

रौलेट एक्ट के महत्वपूर्ण घटना तथा इससे जुड़े सारे तथ्य (Important events of the Rowlatt Act and all the facts related to it) by learnindia24hour.com (learnindia24hours.com)

देसाई – लियाकत समझौता (Desai-Liaquat Pact) by learnindia24hours

 

वुड डिस्पैच या वुड घोषणा – पत्र/अध्यक्ष चार्ल्स वुड 1854 ईo by learnindia24hours

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments