जावेद अख्तर
जन्म:- 17 जनवरी 1945
पिता:- जान निसार अखतर
माता:- सफिया अखतर
पत्नी:- हनी ईरानी , शबाना आजमी
बच्चे:- फरहान अख्तर और जोया अख्तर
जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को
ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता जान निसार अखतर
प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि और माता सफिया अखतर मशहूर
उर्दु लेखिका तथा शिक्षिका थीं। उनकी माँ का देहांत तब हो गया था जब वे बेहद ही छोटे थे। उसके बाद इनके
पिता ने दूसरी शादी कर ली । आपनी माँ के देहांत के बाद वह कुछ दिन अपने नाना-नानी के पास लखनऊ
में रहे उसके बाद उन्हें अलीगढ भेज दिये
गया। जहाँ के स्कूल में उनकी शुरूआती पढाई हुई। उसके बाद वह वापस भोपाल आ गये,
यहाँ आकर उन्होंने अपनी पढाई को पूरा किया।
जावेद अख्तर की पहली पत्नी हनी ईरानी थीं। जिनसे उन्हें दो बच्चे है फरहान अख्तर और जोया अख्तर उनके दोनों ही बच्चे हिंदी सिनेमा के जाने माने अभिनेता,
निर्देशक-निर्माता हैं। उनकी दूसरी पत्नी हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी हैं।
जावेद अख्तर 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई आए थे। उस वक्त उनके पास न खाने
तक के पैसे नहीं थे. उन्होंने कई रातें सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सोकर बिताईं।
बाद में कमाल अमरोही के स्टूडियो में उन्हें ठिकाना मिला। जावेद ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म सरहदी लुटेरा से की थी. इस फिल्म में जावेद क्लैपर ब्वॉय के तौर पर काम कर रहे थे।
इस फिल्म में सलीम खान ने छोटी सी भूमिका भी अदा की थी। इस फिल्म के निर्देशक
एस.एम. सागर को एक संवाद लिखने की जरूरत थी जिसके लिए जावेद ने हा कर दिया और इस
तरह उनके फिल्मों में लेखन की शुरुआत हो गई। इस फिल्म में साथ काम करते-करते सलीम
खान और जावेद की दोस्ती गहरी हो गई। अकेले सफलता न मिलते देख उन दोनों ने जोड़ी के
रूप में काम करना शुरू किया. बस फिर क्या था, यह जोड़ी लगातार सफलता की सीढिय़ा
चढ़ती गई. जावेद उर्दू में स्क्रिप्ट लिखते थे और बाद में उसका हिन्दी में
रुपांतरण किया जाता था. यह पहली लेखक जोड़ी थी, जिसे स्टार का दर्जा दिया गया। इन
दोनों की जोड़ी को उस दौर में सलीम जावेद की जोड़ी से जाना जाता था। इन दोनों की जोड़ी ने वर्ष 1971-1982 तक करीबन 24 फिल्मों में साथ किया जिनमे सीता और गीता, शोले, हठी मेरा साथी, यादों की बारात, दीवार जैसी फिल्मे शामिल हैं। उनकी 24 फिल्मों में से करीबन 20 फ़िल्में बॉक्स-ऑफिस पर
ब्लाक-बस्टर हिट साबित हुई थी। 1987 में प्रदर्शित फिल्म मिस्टर इंडिया के बाद सलीम-जावेद की सुपरहिट
जोड़ी अलग हो गई। अख्तर कवि और हिन्दी फिल्मों के गीतकार और पटकथा
लेखक हैं। इसके बाद उन्होंने गीत लिखना
जारी किया जिसमें तेज़ाब, 1942: अ लव
स्टोरी, बॉर्डर और लगान शामिल हैं।
सम्मान
और पुरस्कार
फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार
वर्ष 1994 में प्रदर्शित फ़िल्म “1942 ए लव स्टोरी” के गीत
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा.. के लिए
वर्ष 1996 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘पापा कहते हैं’ के गीत घर
से निकलते ही..(1997) के लिए
फ़िल्म ‘बार्डर’ के गीत संदेशे आते हैं…2000) के लिए
फ़िल्म ‘रिफ्यूजी’ के गीत पंछी नदिया पवन के झोंके..
(2001) के लिए
फ़िल्म ‘लगान’ के सुन मितवा.. (2003) के लिए
फ़िल्म ‘कल हो ना
हो’ (2004) कल हो ना हो के लिए
फ़िल्म ‘वीर जारा’ के तेरे लिए…के लिए
नागरिक सम्मान
पद्मश्री (1999)
पद्मभूषण (2007)
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ गीतकार)
वर्ष 1996 में फ़िल्म ‘साज’
वर्ष 1997 में ‘बार्डर’
वर्ष 1998 में ‘गॉड मदर’
वर्ष 2000 में फ़िल्म ‘रिफ्यूजी’
वर्ष 2001 में
फ़िल्म ‘2004 –
किशोर कुमार
सम्मान – गीतकार के क्षेत्र में
धर्मनिरपेक्षता और तर्कसंगत विचार के लिए जावेद अख्तर
को 2020 का रिचर्ड डॉकिंस अवार्ड दिया गया।
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BIOGRAPHY
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