Friday, December 6, 2024
HomeHome#Biography of Kapil Dev/कपिल देव की जीवनी। - learnindia24hours

#Biography of Kapil Dev/कपिल देव की जीवनी। – learnindia24hours



जन्म- 6 जनवरी सन् 1959 चंडीगढ़, भारत

पिता- रामलाल निखंज

माता- राजकुमारी

 

कपिल देव का पूरा नाम   कपिल देव निखंज है। ये महान खिलाड़ी पंजाब के एक
बहुत प्रसिद्ध शहर
चंडीगढ़ में पैदा हुए थे.  इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डी. ए. वी.
स्कूल से प्रारम्भ की और स्नातक की पढ़ाई के लिए सेंट
एडवर्ड कॉलेज में गए. खेल
में रूचि एवं प्रतिभा को देखकर इनको
देश प्रेम आजाद के पास क्रिकेट सीखने के लिए भेजा
गया ।

 जब भारत और पाकिस्तान को अलग किया
जा रहा था, उस समय इनका
परिवार रावलपिंडी (पाकिस्तान) से पंजाब ( भारत ) की राजधानी चंडीगढ़ में
रहने लगे। इनका
विवाह सन् 1980 में रोमी भाटिया से हुआ था।

कपिल देव का करियर सन् 1975 में घरेलू क्रिकेट से
करी । जब इन्होंने हरियाणा के लिए पंजाब के विरुद्ध मैच खेला था, जिसमें कपिल देव
ने 6 विकेट लिया था।  वे एक
ओल राउन्डर थे
जोकि दाये हाथ से बल्लेबाज़ी एव तेज़ गेन्दबाज़ी भी करते थे। इन्होंने
पहला टेस्ट मैच फैसलाबाद में पाकिस्तान बनाम भारत (1978) से
शुरू किया था  हालांकि इस मैच में कपिल देव
ने सिर्फ 13 रन बनाए थे, हालांकि 1 विकेट भी लिया था मगर आगे के लिए आपने स्थान
सुनिश्चित कर लिया था।
17 अक्टूबर सन् 1979 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 124 में 126 रन बनाये
थे. इसको इनकी एक यादगार पारी के रूप में गिना जाता है. श्री-लन्का के विरुध
1982-1983 में उन्होंने अपनी कप्तानी में
प्रथम प्रवेश किया।
1983 के वर्ल्ड कप के समय इन्होंने आपने शानदार
पारी से भारत को जीताया जिसमें इन्होंने
जिंबाब्वे के खिलाफ 138 गेंदों पर 175 रन बनाए जिसमें 16
चौके और 6 छक्के
थे साथ ही उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट भी
लिए थे। इस मैच की बदौलत भारत का
1983 के विश्व कप में जीत के लिए अपना
सफर तय कर पाने का रास्ता मिला था. 1983 के विश्व कप के दौरान
बीबीसी की हड़ताल की
वजह से इस मैच का टेलीकास्ट नहीं हो सका था और इस मैच का लुफ्त क्रिकेट प्रेमी
नहीं उठा सके थे. 1984 में वेस्टइंडीज के साथ खराब प्रदर्शन की वजह से इन्हें कप्तानी
से हटाया गया और गावस्कर को कप्तान बनाया गया। इसके बाद कपिल देव 1987 में कप्तान
बनाया गया, जिसमें भारत सेमीफाइनल तक पहुंचा था. लेकिन
भारत इंग्लैंड से हारकर
विश्व कप जीतने में असफल रहा ।

1979-80 के सत्र में क्रिकेट में अच्छा
प्रदर्शन करने की वजह से इन्हें भारत सरकार द्वारा
अर्जुन पुरस्कार
दिया । 1982 के दौरान भारत ने कपिल देव की प्रतिभा और लगन को देखकर
पद्म श्री का
पुरस्कार भी इन्हें दिया गया ।

 इतना ही नहीं इनको एक साल बाद यानी कि सन् 1983 विज्डन क्रिकेटर ऑफ द
ईयर का सम्मान
दिया गया

सन् 1991 में कपिल देव को पद्म भूषण
जैसा उच्चतम पुरस्कार दिया गया. इसके बाद सन्
2002 में सदी के विज्डन भारतीय
क्रिकेटर
के सम्मान को देकर इनका दर्जा क्रिकेट की
दुनिया में और बड़ा दिया गया।

सन् 2010 आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम
पुरस्कार
दिया गया।

भारतीय सेना से जुड़ने के लिए कपिल
देव ने सन्
2008 भारतीय क्षेत्रीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद ग्रहण किया

कपिल देव ने अभी तक तीन आत्मकथाएं लिखी है,
जिनके नाम ‘गोड्स डिक्री’, ‘क्रिकेट माय स्टाइल’ एवं ‘स्ट्रैट फ्रॉम माय हार्ट’
शामिल
हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments