WOODROW WILSON
उत्तर का स्वरुप :-
· · · असफलता |
विल्सन के चौदह सिंद्धान्तो/शुत्री का वर्णन ?
प्रथम विश्व युद्ध के अन्त के बाद शांति सम्मेलन का काम फ्रांस की राजधानी पेरिस नगर संम्पन्न होना शुरू हुआ। इस सम्मेलन में अमेरिका के विल्सन ने महत्वपूर्ण भाग लिया। उसकी यह हार्दिक इच्छा थी कि विश्व शांति की स्थापना की जाय और भविष्य में होने वाली युद्धों का एकदम अन्त कर दिया जाये।अभिप्राय को दृस्टि में रखते हुए उसने 14 आदेशों आत्म निर्णय सिद्धांत का प्रतिपादन किया। उसकी धरणा थी की युद्ध के अंत के लिए राष्ट्रीयता आत्म निर्णय के सिद्धांत पर सारे यूरोप का पुर्नसंगठन किया जाना एकदम जरुरी है। इसके अनुसार, एक ही संस्कृति , भाषा ,जाती और ऐतिहासिक परम्परा रखने वाली जातियों को अपने अलग राष्ट के निर्माण करने का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए। उसने अपने विचार निम्न्लिखित शब्दों में व्यक्त किये है – “जनता की इच्छा का सम्मान करके ही विश्व में शांति की स्थापना सम्भव है और इसी कारण जनता के अधिकारों को मान्यता प्रदान करनी चाहिए।“
विल्सन के 14 आदेश निम्न्लिखित थे। ——-
1. भविष्य में शांति संधियाँ प्रकट रूप से की जाये और गुप्त कूटनीति का सहारा न लिया जाय।
2. शांति और युद्ध दोनों समय में समुद्र पर सबके लिए स्वतंत्रा रहे और वे सबके लिए समान रूप से खुले रहे।
3. अंतराष्ट्रिय व्यपार के मार्ग से आर्थिक बाधाए हटा दी जाए।
4. शस्त्रों में कमी हो।
5. अधिक लोगों के हित का समुचित ध्यान रखते हुए औपनिवेशिक दावों का निष्पक्ष निर्णय हो।
6. रूस की भूमि केंद्रीय – राष्ट्र छोड़ दे और रूस को विकास के लिए पूर्ण अवसर प्राप्त हो।
7. जर्मनी बेलजियम को खाली कर दे और उसको पूर्व स्थिति में पहुँचा दे।
8. इस तरह से फ्रांस की भूमि भी खाली कर के पूर्व स्तिथि में पहुंचा दी जाए और आल्सस – लारेस फ्रांस को वापस मिल जाये।
9. राष्ट्रीयता के सिद्धांत के आधार पर इटली की सीमाओं का संशोधन हो।
10. ऑस्ट्रिया – हंगरी के लोगों को स्वायत्ता शासन अधिकार प्राप्त हो।
11. केंद्रीय राष्ट्र सर्विया, मोन्टोनीग्रो तथा रूमानिया खाली करके अपनी पूर्व स्थिति में पहुँचा दे और सर्विया को समुद्र तट पर निवास –स्थान प्राप्त हो।
12. टर्की की साम्राज्य के विरुद्ध तुर्की प्रदेशों की प्रभुता सुरक्षित रहे और शेष भगों को स्वायत शासन प्राप्त हो और डाडेनलीज तथा वस्फ़ोरस के जल – डमरूमध्यों से सभी राष्ट्रो के जहाजों को यातायात की भी स्वतंत्रा हो।
13. स्वतंत्र पोलेण्ड का निर्माण हो और उसे समुद्र तट पहुँचने की सुविधा दी जाए।
14. छोटे – बड़े सभी राष्ट्रों को समान रूप से राजनितिक स्वतंत्रता तथा प्रदेशिक अखण्डता का आश्वासन देने के लिए राष्ट्रसंघ की स्थापना की जाए।
यदि विजयी राष्ट्र विल्सन के आदेशों के अनिसार जर्मनी तथा अन्य निजित राज्यों से संधि तत्पर होते और अपने स्वार्थों की और ध्यान नहीं देते तो यह सत्य है की यूरोप के साथ – साथ सारे विश्व में शांति और सदभावना की इस विस्तृत योजना का प्रयास सफल नहीं हो सका। और विश्व को द्वितीय महायुद्ध का सामना करना पड़ा।
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