Home INDIAN HISTORY MODREN HISTORY गांधीजी के 11 सूत्री मांग (Gandhiji’s 11 point demand)

गांधीजी के 11 सूत्री मांग (Gandhiji’s 11 point demand)

 

महात्मा गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) के ग्यारा सूत्री मांग (Eleven Points) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज सरकार से की गई थी। इन मांगों को गांधीजी ने वर्ष 1929 में अपने समर्थन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यसमिति को पेश किया था। इन मांगों का मुख्य उद्देश्य भारतीय जनता की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को सुधारना था।

 

गांधीजी ने ये 11 सूत्री मांगें 1929 में अपने समर्थन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यसमिति को पेश किया था, जो लाहौर में हुई थी। इस मांग को “आक्रांति और असम्मान का अभियान” के तहत जाना जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार को भारतीय जनता की दरिद्रता, अन्याय और दासत्व को समझने और सुधारने के लिए प्रेरित करना था।

 

इस समय भारतीय राजनीति एक नए मोड़ पर थी। गांधीजी के इन सूत्री मांगों का प्रसार विभिन्न भागों में भारतवर्ष भर में हुआ और लोगों के द्वारा इन्हें एक राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक समर्थन मिला। इससे ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के मुद्दे को गंभीरता से लेना शुरू किया, और स्वतंत्रता के लिए भारतीय समुदाय की एकजुटता का अनुमान लगाने लगी।

1930 में, सात्विक सत्याग्रह अभियान के तहत गांधीजी ने नमक कानून के विरोध में दण्ड-संघर्ष करने का एक बड़ा कदम उठाया, जो भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव को प्रारंभ करता है। इसके बाद भारतीय राजनीतिक स्थिति में बड़े बदलाव हुए और राष्ट्रीय आंदोलन की रूपरेखा में बल आई।

सविनय अवज्ञा आंदोलन, डंडी यात्रा, नमक सत्याग्रह 

गांधीजी के इन 11 सूत्री मांगों के प्रसार से भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की शक्ति और सामर्थ्य दिखाया गया और इसने भारतीय इतिहास के दौरान एक महत्वपूर्ण योजना के रूप में अपनी पहचान बनाई। गांधीजी के साहस, सत्याग्रह, और आन्दोलन के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक महत्वपूर्ण  मार्गदर्शन प्रदान किया।

 

निम्नलिखित हैं गांधीजी के ग्यारा सूत्री मांग:-

1) नशीली वस्तुओं के क्रय – विक्रय पर पूर्ण रोक लगायी जायें।

2)सिविल सेवाओं तथा सेना के खर्चो में 50 प्रतिशत तक की कमी की जाये।

3)शास्त्र कानून में परिवर्तन किया जाये तथा भारतीयों को आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने का लाइसेंस दिया जाये।

4)सी.आई.डी. विभाग पर सार्वजानिक नियंत्रण हो या उसे ख़त्म कर दिया जाये।

5)सभी राजनितिक बंदियों को रिहा किया जाये।

6)डाक आरक्षण बिल पास किया जायें।

बुजुर्ग वर्गो के लिए की गयी मांग :-

7)रुपये की विनिमय दर घटाकर 1 शिलिंग 4 पेन्स की जाये।

8)रक्षात्मक शुल्क लगाये जायें तथा विदेशी कपड़ो का आयत नियंत्रित किया जाये।

9)तटो के लिए यातायात रक्षा विधेयक पास किया जाये।

 

किसानों  की विशिष्ट मांगे :-

10)नमक कर समाप्त किया जाये एवम नमक पर सरकारी एकाधिकार ख़त्म कर दिया जाये

11)लगान में पचास प्रतिशत की कमी की जाये।